अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित डेथ वैली में सूरज की तपिश रोज नया रेकॉर्ड बनाती दिखाई दे रही है। अगर गर्मी का सितम ऐसा ही बढ़ता रहा तो यह जगह पृथ्वी पर अब तक के सबसे गर्म हवा के तापमान के अपना ही 1913 का रेकॉर्ड को तोड़ सकती है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अमेरिका का दक्षिण-पश्चिम इलाका आने वाले दिनों में विश्वास न करने लायक गर्मी का अनुभव कर सकता है। AccuWeather के अनुसार, बुधवार से शनिवार तक डेथ वैली का तापमान 124 डिग्री फारेनहाइट पहुंच गया है। आने वाले दिनों में यह तापमान और अधिक बढ़ने का अनुमान है। इस डेथ वैली में 1913 में पांच दिनों तक चली हीट वेव के दौरान सर्वकालिक उच्च तापमान 134 डिग्री फारेनहाइट के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया था। धरती के किसी अन्य किसी जगह पर इतनी गर्म हवा कभी भी महसूस नहीं की गई है।डेथ वैली में नया रेकॉर्ड बना सकती है गर्म हवावैज्ञानिकों का पूर्वानुमान है कि आने वाले दिनों में डेथ वैली में प्रत्येक दिन तापमान लगातार बढ़ेगा। वैज्ञानिकों ने पहले अनुमान लगाया था कि डेथ वैली में जून का औसत तापमान 110 डिग्री फारेनहाइट होगा, लेकिन हवा के उल्टा प्रवाह ने सभी अनुमानों को आश्चर्यजनक तरीके से बदल दिया है। डेथ वैली समुद्रतल से 300 मीटर नीचे एक गहरी और पतली घाटी है। जहां पेड़-पौधों का कोई नामोंनिशान नहीं है। यहां इंसान नहीं रहते, लेकिन एडवेंचर के शौकीन लोग क्लाइंबिंग और ट्रैकिंग करने के लिए आते रहते हैं। यह वैली इसलिए ज्यादा गर्म रहती है, क्योंकि इसकी सतह लाल रंग के चट्टान और थोड़ी-बहुत मिट्टी से बनी है। यह सतह गर्मी को वापस तो भेज देती है, लेकिन वह वैली से बाहर नहीं निकल पाती। इसका प्रभाव यह होता है कि घाटी की हवा बेहद गर्म हो जाती है। यहां की गर्म हवा खड़ी पर्वत श्रृंखलाओं से घिरी हुई है, जो घाटी की गहराई में गर्मी को रोक लेती है।अमेरिका का दक्षिण-पश्चिम गर्मी से बुरी तरह प्रभावितअमेरिका का पूरा दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र एक सप्ताह से अधिक समय से 100 से अधिक डिग्री की गर्मी से जूझ रहा है। तापमान में यह बढ़ोत्तरी आने वाले दिनों में भी जारी रह सकती है। ऐसे में इस इलाके को और अधिक गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। AccuWeather मौसम विज्ञानियों ने कहा कि पूर्वानुमानों के अनुसार इस वर्तमान गर्मी की लहर को न केवल इसकी तीव्रता के लिए, बल्कि इसकी अवधि के लिए भी याद किया जाएगा। यह बिजली के ग्रिडों पर दबाव डाल रहा है और पानी की आपूर्ति को प्रभावित कर रहा है। इस प्रचंड गर्मी से इलाके में जो भी बची-खुची वनस्पतियां या पेड़-पौधे हैं वे भी सूख रहे हैं। ऐसे में अगर कैलिफोर्निया के जंगलों में आग लगती है तो उसे रोकना मुश्किल हो जाएगा। गर्म हवा और सूखे पेड़-पौधे आग की लपटों को पल भर में पूरे इलाके में फैला देंगे।40 से 50 लाख लोग हो सकते हैं प्रभावितअगर कैलिफोर्निया में गर्मी ऐसी ही बढ़ती रही तो इस इलाके में रहने वाले 4000000 से 5000000 लोग प्रभावित हो सकते हैं। AccuWeather के अनुसार, कैलिफोर्निया, एरिजोना, मोंटाना और इडाहो सहित पूरे क्षेत्र में तापमान पहले ही रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है। बताया जा रहा है कि इस हफ्ते के अंत से तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है। गर्मी के कारण लोगों में नाक से खून आना, लू लगना और हीट स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। अमेरिका के नेशनल वेदर सर्विस ने लॉस एंजिल्स काउंटी कोस्ट से लगते इलाकों में हीट वेव की चेतावनी जारी की है। यह चेतावनीबुधवार शाम से शुक्रवार की रात तक प्रभावी होगी।बिजली सप्लाई बंद होने की आशंका से फैला डरकैलिफोर्निया पावर ग्रिड ऑपरेटर ने इस इलाके के लोगों को बिजली की आपूर्ति बाधित होने को लेकर चेतावनी जारी की है। इसमें लोगों को अधिक से अधिक बिजली स्टोर करने के लिए कहा गया है। कैलिफ़ोर्निया इंडिपेंडेंट सिस्टम ऑपरेटर (आईएसओ) ने एक बयान में कहा कि हालांकि अभी कोई बिजली कटौती या सप्लाई में कोई बाधा आने की आशंका नहीं है, फिर भी हम मांग को कम करने और अतिरिक्त ऊर्जा प्राप्त करने के लिए कई कदम उठा सकते हैं। ज्यादा गर्मी के कारण बिजली की हाई वोल्टेज लाइन के ट्रिप होने की आशंका होती है। टेक्सास के पावर ग्रिड ऑपरेटर ने पहले से ही सोमवार के बयान में निवासियों से शुक्रवार तक बिजली के उपयोग को जितना संभव हो सके कम करने का आग्रह किया है। इस इलाके में कई पावर प्लांट पहले से ही बंद हैं।जंगल की आग और सूखे ने बढ़ाई चिंताइस इलाके में जंगल की आग भी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। एक्सियोस के अनुसार, एरिजोना, कैलिफोर्निया और पश्चिम के अन्य हिस्सों में पहले से ही 20 से अधिक बड़े जंगलों में आग जल रही है। द वेदर चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिमी अमेरिका का लगभग 89 प्रतिशत हिस्सा सूखे की स्थिति का सामना कर रहा है। इसमें आधे से अधिक इलाके में ‘चरम’ और ‘असाधारण’ सूखे की स्थिति बनी हुई है। वैज्ञानिकों को आशंका है कि यह क्षेत्र इतिहास में अपने सबसे भीषण सूखे की राह पर आगे बढ़ रहा है।