रियादजम्मू के सतवारी एयरफोर्स स्टेशन में शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात पांच मिनट के अंदर दो धमाकों से सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ी हुई है। आशंका जताई जा रही है कि आतंकियों ने क्वॉडकॉपर ड्रोन्स के जरिए एयरफोर्स स्टेशन पर आसमान से विस्फोटक गिराए हैं। एयरबेस पर हमले के लिए ठीक यही तरीका यमन में सक्रिय हूती विद्रोही भी अपनाते हैं। उनके ड्रोन कई किलोमीटर की दूरी को तय करते हुए सऊदी अरब के एयरबेस पर हमला करते हैं। हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि ये ड्रोन सीमा पार से आए थे कि इन्हें लोकल आतंकी ऑपरेट कर रहे थे।हूती विद्रोहियों को ड्रोन हमले में है महारतयमन में सक्रिय हूती विद्रोही आए दिन सऊदी अरब के हवाई ठिकानों पर हमला करते रहते हैं। कई हमलों में तो सऊदी को भारी नुकसान तक उठाना पड़ा है। इन विद्रोहियों को ईरान की सहायता मिली हुई है। रिपोर्ट तो ऐसी भी हैं कि हूती आतंकियों को हथियार, ड्रोन और दूसरे विस्फोटक सीधे ईरानी सेना से मिलती है। इनके पास चीन में भी बने ड्रोन पाए गए हैं, जिसे ये नजदीकी हमले के लिए इस्तेमाल करते हैं।सऊदी अरब की राजधानी रियाद में तेल प्रतिष्ठान पर ड्रोन हमला, कोई नुकसान नहींहूतियों ने बना रखी है खुद की ड्रोन इंडस्ट्रीद नेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, हूती विद्रोहियों ने खुद की ड्रोन इंडस्ट्री बना रखी है। उन्हें सीमा पार और ईरान से ड्रोन बनाने में इस्तेमाल होने वाले पूर्जे मिल रहे हैं। जिसकी रिवर्स इंजिनियरिंग कर वे भी ड्रोन को असेंबल करने और उसे घर में ही बनाने के गुर सीख चुके हैं। इन विद्रोहियों को ईरान तकनीकी सहायता और इंजिनियर भी मुहैया करा रहा है। जिससे सामान्य ड्रोन को भी ये घातक हथियार में बदल रहे हैं।कौन-कौन से ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं हूतीहूती विद्रोहियों के सभी ड्रोन ईरानी तकनीकी पर बने होते हैं। कुछ हमलों में तो हूती विद्रोहियों ने चीनी ड्रोन का भी इस्तेमाल किया था। इनके हमलों में कासेफ नाम का लोकल बना ड्रोन ज्यादा प्रयोग किया जाता है। इसकी टेक्नोलॉजी ईरान के अबाबील ड्रोन से मिलती जुलती है। कासेफ 150 किलोमीटर की दूरी तक हमला कर सकता है। 2018 के दौरान इन विद्रोहियों ने 1200 किमी से अधिक दूर दुबई हवाई अड्डे पर समद -3 नामक एक नई लंबी दूरी के ड्रोन के साथ हमला करने का दावा किया था। उन्होंने रियाद हवाई अड्डे पर हमला करने का भी दावा किया था। इसमें इस्तेमाल की गई समद-3 ड्रोन की अबतक कोई सार्वजनिक तस्वीर नहीं मिल पाई है। इतना ही नहीं, इसकी तकनीकी भी ईरान के किसी ड्रोन से नहीं मिलती है।सऊदी अरब में क्यों तैनात हैं ब्रिटिश सैनिक? आखिर किस ‘संकट’ से डरे हैं प्रिंस सलमान2020 में हूती विद्रोहियों ने 267 ड्रोन हमले किएचीनी समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने हूती मिलिशिया के सैन्य प्रवक्ता याहया सराया के हवाले से बताया कि 2020 में सऊदी अरब पर 267 बम से लदे ड्रोन हमले किए गए थे। इतना ही नहीं, इस आतंकी संगठन ने यमन के अंदर 180 ड्रोन हमले किए थे। सऊदी के नेतृत्व में कई देशों की सेनाएं हूती विद्रोहियों से लड़ रही हैं। हूती विद्रोहियों के हमलों ने सऊदी अरब को परेशान कर रखा है। तेल के कुओं और रिफाइनरी को भी बना रहे निशानाहूती विद्रोही सऊदी अरब के तेल के कुओं और रिफाइनरी को भी निशाना बना रहे हैं। विस्फोटकों से लदे हूती विद्रोहियों के ड्रोन अक्सर इन दोनों ठिकानों पर आकर क्रैश हो जाते हैं। जिससे रिफाइनरी या तेल के कुओं में आग लग जाती है। सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था ही तेल पर टिकी हुई है। ऐसे में पिछले साल जब हूती विद्रोहियों ने सऊदी की सबसे बड़ी रिफाइनरी सऊदी आरामको पर ड्रोन हमला किया था, तब उत्पादन ठप होने से पूरी दुनिया में तेल के दाम बढ़ गए थे।CIA के टॉप सीक्रेट ड्रोन के क्रैश होने के बाद अमेरिका ने कबूला सच, क्या ईरान-तुर्की की कर रहा था जासूसी?2021 में भी हूती विद्रोहियों के ड्रोन हमले में नहीं आई कमीइस साल भी यमन के हूती विद्रोही सऊदी अरब पर लगातार ड्रोन हमले कर रहे हैं। 9 फरवरी 2021 को हूती विद्रोहियों ने दक्षिण पश्चिम सऊदी अरब में अबहा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को निशाना बना कर ड्रोन हमला किया था। इससे वहां खड़े एक यात्री विमान में आग लग गई थी। उसी दिन सऊदी सेना ने हूती विद्रोहियों के दो ड्रोन को हवा में ही मार गिराया था।