How deep is Atlantic Ocean where Titanic Submarine gone Missing टाइटैनिक सबमरीन टाइटन को निगलने वाला समुद्र कितना गहरा? पाकिस्‍तानी अरबपति को बचाने के लिए आज आखिरी दिन

फ्लोरिडा: रविवार को अटलांटिक सागर में लापता हुई ओशिनगेट की छोटी सी पनडुब्‍बी टाइटन, इस समय कहां है कोई नहीं जानता। यह पनडुब्‍बी जिस जगह पर डूबी है, वह अटलांटिक महासागर दुनिया के पांच सबसे बड़े महासागरों में दूसरे नंबर पर है। सन् 1912 में जब टाइटैनिक डूबा तो 1500 लोग इसमें समा गए थे। अब एक पनडुब्‍बी डूबी है तो उस पर सवार पांच पर्यटकों का कुछ पता नहीं लग रहा। इस पनडुब्‍बी पर पाकिस्‍तानी अरबपति का बेटा भी सवार था। आज जानिए इस ‘दैत्‍याकार’ अटलांटिक महासागर के बारे में सबकुछ।12500 फीट नीचे मलबाटाइटन की तलाश अभी तक जारी है। जब इसे लॉन्‍च किया गया था तो यह 96 घंटे की ऑक्‍सीजन के साथ पानी के अंदर गई थी। रविवार सुबह इसका संपर्क न्‍यूफाउंडलैंड कनाडा में अपनी मदर शिप से टूट गया था। टाइटन को नॉर्थ अटलांटिक के तल में स्थित टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने जाना था। यह मलबा 3900 मीटर की गहराई में यानी करीब 2.4 मील नीचे पड़ा हुआ है। साल 2021 में ओशिनगेट एक्‍सपीडिशंस ने इस पहल की शुरुआत की थी। वैज्ञानिकों ने कई रिसर्च की हैं ताकि अटलांटिक महासागर की प्रकृति, पर्यावरण और इसमें मौजूद जिंदगियों का पता लग सके।फिर मनहूस साबित हुआ टाइटैनिक, जहाज का मलबा दिखाने वाली टूरिस्‍ट पनडुब्‍बी भी अटलांटिक में डूबीटाइटैनिक समुद्र तल से करीब 12,500 फीट यानी 3900 मीटर नीचे है। दुनिया की सबसे गहरी स्कूबा डाइव साल 2022 में 1,090 फीट तक गई थी। जबकि दुनिया की सबसे ऊंची इमारत, बुर्ज खलीफा भी समुद्र में सिर्फ 2,717 फीट तक ही जा पाएगा। टाइटैनिक के मलबे तक पहुंचने से अभी भी लगभग 9,700 फीट कम है।80 फीसदी हिस्‍से की मैपिंग नहींअमेरिका स्थित नेशनल ओशियनिक एंड एटमॉसफेरिक एडमिनिस्‍ट्रेशन (NOAA) के मुताबिक महासागर का 80 फीसदी से ज्‍यादा हिस्‍से की मैपिंग नहीं हो सकी है और इसे एक्‍सप्‍लोर नहीं किया जा सका है। समुद्रतल काफी अव्‍यवस्थित है। यह पृथ्वी की सतह का 70 फीसदी हिस्‍सा कवर करता है। इसकर औसत गहराई 3,682 मीटर है। वैज्ञानिकों का कहना है कि आप जितना नीचे जाएंगे हाइड्रोस्टेटिक दबाव (किसी वस्तु पर तरल द्वारा प्रति इकाई क्षेत्र में लगाया गया बल) उतना ही ज्‍यादा होगा। महासागर का सबसे गहरा बिंदु जिसे मारियाना ट्रेंच के तौर पर जानते हैं 11,034 मीटर गहरा है। यह प्रशांत महासागर के पश्चिमी भाग में स्थित है और समुद्री खाई का 1,580 मील लंबा (2,542 किलोमीटर) है।टाइटैनिक के रहस्‍यमय कब्रिस्‍तान में गुम हुई अरबपतियों की नाव, समुद्र में टाइटन को ढूढंना क्‍यों भूसे में सुई खोजने जैसा?चार और गहरे हिस्‍सेअर्थ-साइंस रिव्यूज जर्नल में प्रकाशित एक स्‍टडी के मुताबिक दुनिया भर में समुद्र के कम से कम चार और गहरे हिस्से हैं। इसमें आर्कटिक महासागर में मोलॉय होल भी शामिल है। यह सतह से 5,669 मीटर नीचे स्थित है। यहां सुंडा ट्रेंच भी है, जिसे जावा ट्रेंच भी कहा जाता है, जो पानी के नीचे 7,290 मीटर की गहराई पर स्थित है। दक्षिणी महासागर का सबसे गहरा हिस्सा, जो अंटार्कटिका को घेरता है, दक्षिण सैंडविच ट्रेंच के अंदर 7,385 मीटर की गहराई पर है। अंत में, मिल्वौकी डीप नामक प्यूर्टो रिको ट्रेंच साइट, अटलांटिक महासागर का सबसे गहरा हिस्सा है, जिसकी गहराई 8,408 मीटर है।जगह जहां है टाइटैनिक का मलबाजहां पर टाइटैनिक का मलबा पड़ा है उसके बारे में कई तरह की धारणाएं हैं। कई लोग कल्पना करते हैं कि वहां रेत की एक बड़ी मात्रा के साथ एक समुद्र तल है। लेकिन अधिकांश गहरे समुद्र की तरह, यह तलछट से बना एक टेढ़ा और गतिशील रास्‍ता है। वैज्ञानिकों से इसे कम ऑक्सीजन वाली, जीरो तापमान के करीब और एक पूरी तरह से अंधेरे में डूबे वातावरण के तौर पर बताया है।