दुशाम्बेपाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तालिबान की तरफदारी में पूरी दुनिया के सामने झूठ बोला है। उन्होंने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में 20वें शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी बिना किसी खून-खराबे की हुई है। इतना ही नहीं, इमरान ने यहां तक दावा किया कि यह सब किसी गृहयुद्ध और शरणार्थियों के सामूहिक पलायन के बिना हुआ। शायद उन्होंने काबुल एयरपोर्ट के बाहर और पाकिस्तान सीमा पर खड़े अफगानों की भारी भीड़ को देखकर अपनी आंखे मूंद ली थी।इमरान ने तालिबान को वादा याद दिलायाइमरान खान के साथ इस मीटिंग में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ और सूचना मंत्री फवाद चौधरी भी मौजूद थे। इस दौरान इमरान खान ने कहा कि तालिबान को एक समावेशी राजनीतिक ढांचे के लिए किए गए वादों को पूरा करना चाहिए, जहां सभी जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व किया जाता है। यह अफगानिस्तान की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।तालिबानी ‘भस्‍मासुर’ का असर, इस्‍लामिक कट्टरता की ओर बढ़ रहा पाकिस्‍तान, सुन्‍नी हिंसा का खतरापाक पीएम ने पुराना दुखड़ा फिर रोयाइमरान खान ने कहा कि तालिबान को सभी अफगानों के अधिकारों को सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि अफगानिस्तान फिर से आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह न बन जाए। उन्होंने अपना पुराना दुखड़ा रोते हुए कहा कि अफगानिस्तान में अशांति और अस्थिरता का सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तान को उठाना पड़ा है। इसलिए, हम एक शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान में रुचि रखते हैं। Taliban Pakistan : अफगानिस्तान में तालिबान फतह पाकिस्तान के लिए ‘1971 मॉमेंट’ नहीं, समझिए कैसे ISI का अच्छा टाइम खत्म होने वाला हैबिना खून-खराबे का हुआ सत्ता परिवर्तन?पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हम एक स्थिर, संप्रभु और समृद्ध अफगानिस्तान का समर्थन करना जारी रखेंगे। अफगानिस्तान के वर्तमान हालात पर टिप्पणी करते हुए इमरान ने दावा किया कि तालिबान के अधिग्रहण और विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद एक नई वास्तविकता स्थापित हो गई है। यह सब बिना रक्तपात के, गृहयुद्ध के बिना और शरणार्थियों के सामूहिक पलायन के बिना हुआ। इसलिए दुनिया के लिए यह राहत की बात होनी चाहिए।तालिबान से गले मिल रहे पाक के लिए शर्म का दिन, खतरे की वजह से मैदान में ही नहीं उतरा न्‍यूजीलैंड, दौरा रद्ददुनिया से अफगानिस्तान को सहायता देने की अपील कीउन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील करते हुए कहा कि यह हम सबके सामूहिक हित में है कि अफगानिस्तान में कोई नया संघर्ष न हो और सुरक्षा स्थिति स्थिर हो। उन्होंने अफगानिस्तान में मानवीय संकट और आर्थिक मंदी को रोकने के लिए सहायता की भी अपील की। उन्होंने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि पिछली सरकार विदेशी सहायता पर बहुत अधिक निर्भर थी और इसे हटाने से आर्थिक पतन हो सकता है।हक्‍कानी पर ‘झूठा ज्ञान’ देकर बुरी तरह से फंसे पाकिस्‍तानी पीएम इमरान खान, अपनों ने घेराबोले- 40 साल के युद्ध को खत्म करने का अवसरइमरान ने दावा किया कि अफगानिस्तान में 40 साल के युद्ध को अंतत: समाप्त करने का दुर्लभ अवसर है। इस क्षण को व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए।उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर नकारात्मकता फैलाना या दुष्प्रचार करना नासमझी होगी। यह केवल शांति की संभावनाओं को कमजोर करने का काम करेगा।SCO में इमरान ने बोला झूठ