इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित सबसे खतरनाक अटक जेल में इस समय पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान बंद हैं। इमरान को जिस जेल में रखा गया है, वहां उन्हें जान से मारने की साजिश की जा रही है। इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के करीबी सहयोगी डॉक्टर सलमान अहमद ने यह सनसनीखेज खुलासा किया है। डॉक्टर सलमान लंबे समय से इमरान के चुनाव अभियान के प्रभारी हैं। उन्होंने दावा किया है कि एक हत्यारा उसी जेल में बंद होगा और वह खान पर हमला करेगा। इमरान को भ्रष्टाचार के एक मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी। पिछले हफ्ते हालांकि कोर्ट ने उनकी सजा को सस्पेंड कर दिया था। लेकिन अभी उन्हें जेल में ही रहना होगा।करीबी ने किए सनसनीखेज दावेसलमान अहमद ने भारतीय न्यूज चैनल सीएनएन न्यूज-18 से बातचीत में कई सनसनीखेज दावे किए हैं। उन्होंने बताया कि खान की जान को जेल में खतरा है। उनका कहना था कि अताउल्लाह तरार के नेतृत्व में इमरान के खिलाफ एक और धार्मिक घृणा अभियान शुरू किया गया था। अहमद ने आगे कहा कि इमरान की जान को एक धार्मिक कट्टरपंथी से खतरा है, जो अटक जेल में ही कैद है। उनका दावा था कि उसे इमरान पर खतरनाक हमले को अंजाम देने के लिए ही वहां भेजा गया है। सलमान अहमद का कहना था कि हमला तब किया जाएगा जब खान को जमानत मिल जाएगी और वह जेल से बाहर निकल रहे होंगे।जेल के माहौल में ढले इमरानइस बीच कई मीडिया रिपोर्ट्स पर अगर यकीन करें तो इमरान हाई सिक्योरिटी वाली अटक जेल के वातावरण में ढल गए हैं। पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक 70 साल के इमरान ने अपनी लीगल टीम के साथ बातचीत में कुछ दिलचस्प खुलासे किए हैं। तोशाखाना मामले में सजा के निलंबन के बाद अपनी स्थिति में बदलाव से खुश हैं। बताया जा रहा है कि अब उन्हें कुछ अतिरिक्त सुविधाएं भी दी गई हैं। इमरान ने बताया है कि न्होंने अपने इस्लामी ग्रंथों को पूरा पढ़ लिया है। साथ ही अब अपनी कानूनी टीम से राजनीतिक इतिहास पर लिखी गई किताबें भेजने को कहा है।13 सितंबर तक रहेंगे जेल मेंइस बात की जानकारी भी मिली है कि इमरान को एक टीवी भी दिया गया है। इस पर हालांकि वह सिर्फ सरकारी पीटीवी चैनल ही देख सकते हैं। लेकिन वह आमतौर पर इसे देखना पसंद नहीं करते हैं। इमरान को तोशखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पांच अगस्त को जेल भेजा गया था। लेकिन इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने 29 अगस्त को उनकी सजा सस्पेंड कर दी थी। साथ ही उनकी रिहाई का आदेश दिया। लेकिन उन्हें रिहा नहीं किया गया क्योंकि आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के उल्लंघन में उन्हें सुनवाई के लिए बनी स्पेशल कोर्ट ने उन्हें 13 सितंबर तक जेल में रिमांड पर रखने का फैसला किया।