इस्लामाबाद : इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 9 मई को इमरान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि पाकिस्तान में इमरान की पार्टी पर बैन भी लग सकता है। पार्टी के वरिष्ठ नेता परवेज खट्टक ने बताया कि पार्टी पर संभावित बैन को लेकर उनकी भविष्य की रणनीति क्या है। इमरान की गिरफ्तारी से भड़के अनियंत्रित प्रदर्शनकारियों ने बड़े पैमाने पर सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाया था जिसे लेकर सरकार और सेना ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।इमरान खान के करीबी सहयोगी और खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व मुख्यमंत्री खट्टक ने जियो टीवी से फोन पर बात करते पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की संभावना से इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर बैन लगाया जाता है तो पीटीआई नए नाम के साथ चुनावी राजनीति में हिस्सा लेती रहेगी। उन्होंने कहा, ‘अगर पार्टी पर बैन लगाने की कोशिश की जाती है तो पीटीआई एक नए नाम के साथ राजनीति करेगी।’ ऐसे वक्त में जब कई पीटीआई नेता पार्टी छोड़ रहे हैं तब खट्टक ने अपने पार्टी छोड़ने की अफवाहों को खारिज कर दिया।आज नमाज के बाद इमरान के घर में घुसेगी पुलिस? 400 जवानों के साथ बोलेंगे धावा, बदले के लिए तैयार पाक आर्मी?इमरान खान भी लगा चुके हैं प्रतिबंधपाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है। हालांकि 13 दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन में विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी सहित कई नेताओं ने पार्टी पर बैन लगाने का विरोध किया है। पाकिस्तान में पिछली पीटीआई सरकार में दो पार्टियों जय सिंध कौमी महज-अरिसर (JSQM-A) और तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) को क्रमशः 2020 और 2021 में प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था। हालांकि उसी साल टीएलपी पर से प्रतिबंध हटा लिया गया था।पाकिस्तान में राजनीतिक दलों पर बैन का इतिहासपाकिस्तान में राजनीतिक दलों पर बैन लगाने का एक लंबा इतिहास है। जुलाई 1954 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ पाकिस्तान को प्रतिबंधित कर दिया गया था। 26 मार्च 1971 को तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल याहया खान ने शेख मुजीबुर रहमान की अवामी लीग को बैन कर दिया था। 1975 में जुल्फिकार अली भुट्टो की सरकार ने नेशनल अवामी पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया था। मई 2020 में इमरान खान की सरकार ने सिंध की पार्टी JSQM-A पर बैन लगा दिया था। हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद 15 अप्रैल 2021 को धार्मिक पार्टी टीएलपी को भी प्रतिबंधित कर दिया गया था।