इस्लामाबादपाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हाल के दिनों में कई बार भारत से बातचीत करने के लिए शर्त रखते नजर आए। भारत का रुख साफ रहा कि पहले पाकिस्तान आतंकवाद पर नकेल कसे लेकिन इमरान हर मंच पर कश्मीर में आर्टिकल 370 दोबारा लगाने की शर्त पर बातचीत का मुद्दा उठाते रहे। अब एक बार फिर इमरान ने भारत के खिलाफ जहर उगला है जिससे बातचीत की संभावनाओं पर ही सवाल खड़ा हो गया है। भारत को फंसाने की कोशिश?इमरान और उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने आरोप लगाया है कि लाहौर के जौहर टाउन में हाफिज सईद के घर के पास जो धमाका हुआ था, उसमें भारत की खुफिया एजेंसी R&AW (रिसर्च ऐंड अनैलेसिस विंग) का हाथ था। इमरान ने भारत के खिलाफ ऐक्शन के लिए वैश्विक समुदाय को आवाज भी दी है। इससे कुछ दिन पहले इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के ऊपर एक ड्रोन उड़ता देखा गया था जिसे लेकर दावा किया गया कि वह रेकी करने आया था।पाकिस्तान: इमरान खान का एक और नाटक, ‘हाफिज सईद के घर पर हमले का मास्टरमाइंड भारत की RAW का एजेंट’हर जगह एक ही बातजाहिर है ऐसे हालात के बीच किसी भी तरह की बातचीत मुश्किल हो जाती है। इससे पहले पाकिस्तान ने यूं तो भारत के साथ पिछले दरवाजे से किसी बातचीत में शामिल नहीं होने का दावा किया है लेकिन इस्लामाबाद की ओर से सार्वजनिक तौर पर यह कहा जाता रहा है कि नई दिल्ली को ‘सार्थक बातचीत’ के लिए ‘अनुकूल वातावरण’ बनाना चाहिए। इमरान खान ने तजाकिस्तान के राष्ट्रपति के साथ बैठक के बाद और फिर रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में भी यही राग अलापा।Imran Khan News: भारत बातचीत के लिए पूछ नहीं रहा, फिर कश्मीर को लेकर शर्त पर शर्त क्यों रख रहे इमरान खान?हर ओर से घिरा है पाकजब फरवरी में दोनों देशों ने नियंत्रण रेखा पर सीजफायर पर सहमति बनाई, तब भी ऐसी उम्मीदें दिखी थीं कि शायद आगे वार्ता का रास्ता खुले। हालांकि, हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने अपना ध्यान अफगानिस्तान में तालिबान की हरकतों और कोरोना वायरस, खस्ताहाल अर्थव्यवस्था जैसी अपनी दूसरी घरेलू समस्याओं पर लगाना शुरू कर दिया। भारत ने तालिबान से की बात तो बौखलाया पाकिस्तान, इमरान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने उगला जहरकमजोर दिख रही सरकार?रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश के अंदर ही पाकिस्तान की आलोचना इस बात के लिए भी हुई कि भारत की तरफ से कोई रियायत नहीं दी गई लेकिन पाकिस्तान सीजफायर की बात मान गया। यही नहीं, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो बार कतर की राजधानी में तालिबान नेताओं के साथ बातचीत की तो NSA मोईद ने इसे भारत की ‘बेशर्मी’ करार दिया।