India To develop nuclear powered submarine with France talks are on चीन और पाकिस्‍तान का काल बनेंगी परमाणु पनडुब्बियां, भारत-फ्रांस मिलकर बना रहे महाप्‍लान, जानें ताकत

पेरिस: फ्रांस इस समय भारत का बड़ा रक्षा और रणनीतिक साझीदार है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर फ्रांस, भारत को ध्‍यान में रखकर अपनी रणनीति तैयार करने में लगा हुआ है। अब एक ऐसी खबर आ रही है जिसके बाद चीन थोड़ा परेशान हो सकता है। ऐसी खबरें हैं कि भारत और फ्रांस छह परमाणु हमला पनडुब्बियों (SSN) को खरीदने के लिए बातचीत कर रहे हैं। यह सौदा समंदर के नीचे भारतीय नौसेना की क्षमताओं में दोगुना इजाफा करने वाला होगा। नौसेना को परमाणु पनडुब्बियों की सख्‍त जरूरत है। सूत्रों की मानें तो पिछले चार साल से यह प्रस्‍ताव सरकार की मंजूरी न मिलने की वजह से अटका हुआ था। इसकी वजह से चुनौतियां काफी बढ़ गई थीं।भारत और चीन के बीच बड़ा अंतरभारत के पास रूस की अकुला क्‍लास की परमाणु पनडुब्‍बी थी जिसे लीज पर लिया गया था। साल 2021 में इसकी लीज भी खत्‍म हो गई। ऐसे में इस समय नौसेना के पास कोई भी परमाणु पनडुब्‍बी नहीं है। इस कमी को दूर करने के लिए ही भारत ने फ्रांस के साथ वार्ता शुरू की है। इस वार्ता में उन संभावनाओं को तलाशा जा रहा है जो छह परमाणु पनडुब्‍बी का निर्माण करने से जुड़ी हुई हैं।चीन जो हिंद महासागर पर चुनौती बनता जा रहा है, इस दिशा में भारत से ताकतवर है। उसके पास 70 से ज्‍यादा पनडुब्बियां हैं जिसमें सात परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां (एसएसबीएन), 12 परमाणु हमला पनडुब्बियां (एसएसएन), और 50 से ज्‍यादा डीजल हमला पनडुब्बियां (एसएसके) शामिल हैं। दूसरी ओर, भारत का पारंपरिक पनडुब्बी बेड़ा साल 1980 के दशक का है। इस वजह से इसकी पुरानी पड़ चुकी क्षमताओं को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।पाकिस्‍तान को तुर्की से मिला घातक युद्धपोत, जानें कितना खतरनाक, भारत के लिए बड़ा खतराक्‍यों जरूरी है परमाणु पनडुब्‍बीचीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में उसका जवाब देने के लिए भारत के लिए परमाणु-संचालित पनडुब्बियां काफी अहम हैं। भारत इस जरूरत को समझता और इस दिशा में अब आगे बढ़ रहा है। जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक भारत अब 65,000 टन के स्वदेशी विमान वाहक (आईएसी) -2 की जगह परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण पर जोर देना चाहता है। बताया जा रहा है कि इस वजह से ही भारत ने इसे तैयार करने की अपनी योजना रोक दी है। इसकी जगह अब वह एसएसएन प्रोजेक्‍ट को आगे बढ़ाना चाहता है।क्‍या है इन पनडुब्बियों की ताकतएसएसएन को पानी के अंदर लड़ाकू विमानों के बराबर का हथियार माना जाता है। भारतीय नौसेना के लिए रणनीतिक संतुलन बनाए रखने और संभावित खतरों का मुकाबला करने के लिए परमाणु पनडुब्बियों को काफी महत्वपूर्ण करार दिया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक एसएसएन गेम चेंजर हैं। ये काफी सीक्रेट होती हैं और इनकी ताकत असीमित होती है। साथ ही लंबे समय तक पानी के अंदर रह सकती हैं और साथ ही बंदरगाह से दूर काफी दिनों तक और तेज गति के साथ अपने मिशन को पूरा करने में सक्षम हैं। ये पनडुब्बियां कैरियर बैटल ग्रुप्‍स का हिस्‍सा होती हैं। लंबी दूरी की मिसाइलों से लैस ये पनडुब्बियां कुछ ही मिनटों में वे समुद्री युद्ध की दिशा बदल सकती हैं।