पेरिस/मॉस्कोचीन और पाकिस्तान से जारी तनाव के बीच भारत को दुनिया के कई देशों से अत्याधुनिक हथियारों को खरीदने के ऑफर मिल रहे हैं। दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंची फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पॉर्ली ने तो सार्वजनिक ऐलान किया है कि जरूरत पड़ी तो उनका देश अतिरिक्त रॉफेल लड़ाकू विमानों को देने के लिए तैयार है। संभावना यह भी जताई जा रही है कि फ्रांस ने भारत को मेक इन इंडिया इनिशिएटिव के तहत बाराकुडा क्लास परमाणु पनडुब्बियों को भी ऑफर किया है। वहीं, भारत में रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव ने एस-500 ऑफर के सवाल पर कहा है कि रूस की नवीनतम सैन्य प्रौद्योगिकियां हमेशा भारत के लिए खुली हुई हैं। इजरायल भी लगातार अपने उन्नत हथियारों को भारत को ऑफर करता रहा है।अतिरिक्त राफेल लड़ाकू विमान देने को तैयार फ्रांसफ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने शुक्रवार को नई दिल्ली में कहा कि उनका देश भारत को आवाश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त राफेल लड़ाकू विमान देने को तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि एक ही तरह का विमान को दो रणनीतिक साझेदारों की वायु सेना में इस्तेमाल करना उनके संबंधों की वास्तविक परिसंपत्ति और मजबूती को दिखाता है। फ्रांस ने कोविड-19 महामारी के बावजूद भारत को निर्धारित समय पर 33 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति कर चुका है। भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ करीब 59 हजार करोड़ रुपये में 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए डील पर हस्ताक्षर किए थे।Pakistan Navy News: पाकिस्तानी नौसेना के लिए हेंगोर क्लास की पांचवीं पनडुब्बी का निर्माण शुरू, जानें कितनी खतरनाक?बाराकुडा क्लास परमाणु पनडुब्बियों का भी ऑफरबाराकुडा क्लास परमाणु पनडुब्बियां भारत के सैन्य उपकरणों के मामले में सबसे महत्वपूर्ण पेशकश हो सकती है। इन पनडुब्बियों के जरिए भारतीय नौसेना हिंद महासागर में अपनी क्षमता को और ज्यादा बढ़ा सकती है। इतना ही नहीं, इस क्षेत्र में तेजी से बढ़ती चीन की दिलचस्पी को भी प्रभावी तरीके से काउंटर किया जा सकता है। किसी भी देश के लिए परमाणु पनडुब्बी प्रौद्योगिकी को उसकी सैन्य क्षमता का ताज माना जाता है। ऐसे में अगर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के तहत फ्रांस इन पनडुब्बियों को भारत में बनाने का ऑफर देता है तो भारत को इसे ठुकराना भी आसान नहीं होगा। बाराकुडा क्लास (Barracuda-class) की परमाणु पनडुब्बियां समुद्र में 350 मीटर से अधिक गहराई तक जा सकती हैं। इतना ही नहीं, ये पनडुब्बियां अलग-अलग तरही की मिसाइल और तारपीडो से हमला भी कर सकती है।भारत को मिली नई ताकत, सुपरसोनिक मिसाइल SMART का सफल परीक्षणभारत को एस-500 मिसाइल सिस्टम ऑफर करेगा रूसरूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव ने कुछ दिनों पहले बयान दिया था कि उनका देश अत्याधुनिक S-500 ‘प्रोमोतेई’ एयर डिफेंस सिस्‍टम को भारत को ऑफर कर सकता है। रूस के डेप्‍युटी पीएम का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत को रूसी एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम मिलने शुरू हो गए हैं। इस बयान को लेकर भारत में रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारी नवीनतम सैन्य प्रौद्योगिकियां हमेशा आपके (भारत) के लिए खुली हैं। एस-500 मिसाइल सिस्टम दुनिया की सबसे आधुनिक और ताकतवर एंटी एयर डिफेंस सिस्टम है। यह न केवल स्टील्थ टॉरगेट को डिटेक्ट कर सकता है, बल्कि अंतरिक्ष में मौजूद सैटेलाइट्स तक को मार गिराने में सक्षम है।परमाणु पनडुब्बी के बाद ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर, चीन के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की सैन्य तैयारी तो देखिएस्कॉर्पियस सिस्टम को भी ऑफर करने की तैयारी में इजरायलइजरायल भारत को स्कॉर्पियस इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम को भी ऑफर करने की तैयारी में है। यह सिस्टम इतना ताकतवर है कि दुश्मन के यूएवी (ड्रोन), लड़ाकू विमानों, रडार, मिसाइलों और कम्यूनिकेशन को पल भर में ठप कर सकता है। स्कॉर्पियस लक्ष्य को ढूंढने के लिए पूरे आसपास के क्षेत्र को स्कैन करता है। यह सिस्टम इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम जैसे अत्याधुनिक खतरों को भी तुरंत पहचान लेता है। इतना ही नहीं यह सिस्टम रडार, इलेक्ट्रॉनिक सेंसर, नेविगेशन और डेटा कम्यूनिकेशन सहित इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिस्टम के संचालन को प्रभावी ढंग से बाधित करता है। स्कॉर्पियस में अभूतपूर्व रिसीवर सेंसेटिविटी और कम्यूनिकेशन पावर है। जो इसे पहले के मॉडल की तुलना में अधिक शक्तिशाली और कई तरह के खतरों का पता लगाने में सक्षम बनाता है।इजरायल ने सी ब्रेकर मिसाइल भारत को किया ऑफरइजरायल ने पांचवी पीढ़ी की सी ब्रेकर मिसाइल को भारत को ऑफर किया है। इस महाविनाशक मिसाइल को इजरायली हथियार निर्माता कंपनी राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स ने बनाया है। इस मिसाइल को समुद्र या जमीन से फायर किया जा सकता है जो 300 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन का खात्मा करने में सक्षम है। सी ब्रेकर पांचवी पीढ़ी की लंबी दूरी तक मार करने वाली, ऑटोनोमस प्रिसिजन गाइडेड मिसाइल सिस्टम है। यह मिसाइल किसी भी देश की नौसेना और आर्टिलरी की क्षमता को कई गुना बढ़ा सकती है। इसे जमीन पर स्थित किसी भी सैन्य ठिकाने से या फिर किसी युद्धपोत से फायर किया जा सकता है। इजरायल की यह कंपनी भारत में कल्याणी ग्रुप के साथ ज्वाइंट वेंचर चलाती है। इसे कल्याणी राफेल एडवांस्ड सिस्टम्स (KRAS) के नाम से जाना जाता है।