दुबई:एक भारतीय दंपत्ति अपने लापता बेटे की तलाश में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) आए। उन्होंने अपने बेटे के ठिकाने का पता भी लगा लिया, लेकिन बेटे का शव देखकर उनका दिल टूट गया। एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। द खलीज टाइम्स ने मंगलवार को बताया कि दिल का दौरा पड़ने से उनके बेटे की मौत हो गई थी। कई दिन तक उसके शव की पहचान नहीं हो पाई क्योंकि वह अकेला रहता था और उसका किसी और से बहुत कम संपर्क था। दंपत्ति ने 10 साल से अधिक समय से अपने बेटे को नहीं देखा था। जब तक उससे फोन पर संपर्क था उन्होंने उससे कई बार घर लौटने का आग्रह किया, लेकिन उसने इनकार कर दिया।सगाई टूटने से था दुखीसामाजिक कार्यकर्ता अशरफ थमरासेरी के मुताबिक, सगाई टूटने के बाद बेटे को उसके गृहनगर में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा था। थमरस्सेरी ने द खलीज टाइम्स को बताया, ‘उसके बाद वह कभी घर नहीं लौटा।’ कई महीनों तक अपने बेटे से संपर्क टूटने के बाद चिंतित माता-पिता ने उसकी तलाश के लिए यूएई आने का फैसला किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि उनके पास काफी कम विवरण थे, इसलिए उन्होंने उसका पता ढूंढ़ने के लिए कई दरवाजे खटखटाए। कई दिनों की खोज के बाद, माता-पिता ने अपने बेटे का पता लगाया और पता चला कि वह अब नहीं रहा।मां-बाप ने की शव की पहचानवहां से, माता-पिता मुर्दाघर गए जहां उन्होंने अपने बेटे के शव की पहचान की और स्वदेश वापसी के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कीं। अशरफ ने द खलीज टाइम्स को बताया, ‘मैं माता-पिता के चेहरे का दु:ख कभी नहीं भूल सकता। यह मेरे द्वारा देखे गए सबसे हृदयविदारक मामलों में से एक था।’ अनुमान है कि संयुक्त अरब अमीरात में 38,60,000 से अधिक भारतीय प्रवासी रह रहे हैं, जो देश की कुल आबादी का 38 प्रतिशत से अधिक है।पहले भी हुआ ऐसा हादसाइस साल जून में, 35 वर्षीय भारतीय प्रवासी नीथू गांश की दुबई में घर पर नहाते समय बिजली का झटका लगने से मौत हो गई। इस साल की शुरुआत में, केरल का एक 48 वर्षीय व्यक्ति यूएई से लापता हो गया और पाकिस्तानी जेल में मृत पाया गया। पाकिस्तान सरकार ने शव को अटारी सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया।