वॉशिंगटनअमेरिका में भारतीय मूल के 48 वर्षीय एक प्रौद्योगिकी पेशेवर को संघीय कोविड-19 आपदा राहत कर्ज सुविधा में से फर्जी दस्तावेजों के जरिये करीब 18 लाख डॉलर हासिल करने के जुर्म में दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है। अमेरिका के न्याय विभाग ने बताया कि वाशिंगटन राज्य के क्लाइड हिल के रहने वाले मुकुंद मोहन ने 15 मार्च को धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोप स्वीकार किए थे।कर्ज लेने के लिए दिए फर्जी दस्तावेजमाइक्रोसॉफ्ट और अमेजन में काम कर चुके मोहन ने सरकार के पे-चेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम के जरिए कर्ज हासिल करने के लिए फर्जी रोजगार दस्तावेज दिए। उसने उन कंपनियों के लिए कर्ज हासिल किया जो वह कथित तौर पर चलाता था। उसने जाली दस्तावेज के जरिए 55 लाख डॉलर के कर्ज के लिए आवेदन दिया और जुलाई 2020 में गिरफ्तारी से पहले उसे 18 लाख डॉलर मिले।झूठ बोलने पर अधिकारी गिरफ्तारइसी तरह जनवरी में अमेरिका के कैलिफोर्निया में भारतीय मूल के 27 वर्षीय एक कानून प्रवर्तन अधिकारी को गिरफ्तार किया गया था। अधिकारी पर एक फर्जी गोलीबारी की घटना की कहानी गढ़ने का आरोप था। इस घटना के बाद उनकी किसी नायक की तरह तारीफ की गई थी। सुखदीप गिल नाम के अधिकारी को जनवरी में गिरफ्तार किया गया था।