तेहरान/वॉशिंगटनपिछले साल ईरान के टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट की सनसनीखेज हत्या ने दुनिया को हिलाकर रख दिया था। 27 नवंबर, 2020 को दिनदहाड़े मोहसिन फखरीजादेह को मौत के घाट उतार दिया गया था। इस घटना को जिस तरह अंजाम दिया गया वह अपने आप में एक हैरान करने वाली टेक्नॉलजी की बानगी था। एक ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फखरीजादेह की हत्या एक किलर रोबोट मशीनगन से की गई थी। इसके लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और कई कैमरों का इस्तेमाल किया गया था। सैकड़ों मील दूर से हमलाफखरीजादेह को ईरान के परमाणु कार्यक्रम का जनक कहा जाता है जिनकी हत्या का आरोप इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद पर लगा है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उनकी हत्या मोसाद के स्नाइपर ने सैटलाइट की मदद से सैकड़ों मील दूर एक अनजान ठिकाने से की थी। फखरीजादेह की गाड़ी जिस रास्ते से गुजर रही थी वहां एक ट्रक उनका पहले से इंतजार कर रहा था। कैमरों से लैस इस ट्रक में ही फखरीजादेह पर गोलियां बरसाने वाली मशीनगन लगी थी।पत्नी कैसे बच गईं?न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में अमेरिकी, इजरायली और ईरानी अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की मदद से मौके से मिलने वाली जानकारी और स्नाइपर के ऐक्शन में 1.6 सेकंड के अंतर का ध्यान भी रखा गया था। इसके अलावा AI ने गोलियां चलने से लेकर फखरीजादेह की चलती हुई गाड़ी पर भी नजर बनाए रखी थी। इसी सटीकता की वजह से गाड़ी में सवार सिर्फ फखरीजादेह ही निशाना बने जबकि उनकी पत्नी बच गईं।खड़ी थी एक और गाड़ीइस ट्रक के अलावा एक और गाड़ी भी प्लान में शामिल थी। यह हमले की जगह से कुछ दूर पर थी जहां से फखरीजादेह की गाड़ी ने यू-टर्न लिया था। यहां से वह अबसार्द में अपने घर जा रहे थे। मोड़ की वजह से फखरीजादेह की गाड़ी की रफ्तार कम हो गई जिससे हमले में शामिल कार में लगे कैमरों ने ड्राइविंग सीट पर फखरीजादेह की पहचान की और पैसेंजर सीट पर बैठी उनकी पत्नी की भी। यह जानकारी दूर बैठे स्नाइपर को भेजी गई। पहला राउंड फायर करने के एक मिनट में ही घटना को अंजाम दे दिया गया। किलर रोबॉट मशीनगनअखबार को एक खुफिया अधिकारी ने बताया है कि जिस बंदूक से हत्या की गई वह बेल्जियम में बनी FN MAG मशीन गन का स्पेशल मॉडल था। इसे एक रोबॉटिक उपकरण से जोड़ा गया था। हमले से काफी पहले इजरायल इसे ईरान में लेकर आया था। इसके अलग-अलग हिस्से लाकर असेंबल किए गए क्योंकि इसकी कीमत एक टन के करीब थी। फिर इसे नीले रंग के Nissan Zamyad पिकअप ट्रक में सड़क के किनारे छिपाकर लगा दिया गया।हमले का मास्टरप्लान, कोई चूक न होइस पूरे ऑपरेशन के लिए किस हद तक तैयारी की गई थी, यह इससे पता चलता है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस ने इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। दरअसल, मौके से तस्वीरें लेकर स्नाइपर को भेजने और फिर ऐक्शन के बीच में 1.6 सेकंड की देरी होनी चाहिए थी। इतनी देर में फखरीजादेह की गाड़ी आगे बढ़ जाती। हमला होने से पिकअप ट्रक में भी हलचल होती और निशाना चूक सकता था। हालांकि, AI की मदद से इन सभी रुकावटों को भी दूर करने की तैयारी पहले से ही थी। पहले राउंड के फायर के बाद फखरीजादेह की गाड़ी रुक गई। AI की मदद से स्नाइपर ने गन अजस्ट की और तीन और राउंड गोलियां चलाईं। अमेरिका को पहले से थी जानकारी?गाड़ी में विस्फोटक भी लगे थे ताकि मशीनगन के सभी निशान मिटाए जा सकें। हालांकि, वे पूरी तरह से खत्म नहीं हुए जिससे हमले की साजिश समझना आसान हो गया। रिपोर्ट के मुताबिक फखरीजादेह को रास्ते से हटाने की इजरायल का प्लान लंबे वक्त से बन रह था और जब यह साफ होने लगा कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप फिर से राष्ट्रपति नहीं बनेंगे, तो इसके लिए कोशिशें तेज कर दी गईं। दरअसल, ट्रंप ने ईरान के साथ परमाणु समझौता खत्म कर दिया था और इजरायल को शक था कि जो बाइडेन की सरकार फिर से इसे मान लेगी। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अमेरिका को इस प्लान की जानकारी पहले ही दे दी गई थी।इजरायल का खूनी बदला, हमास के 11 कमांडरों को मौत के घाट उतारा