हाइलाइट्स:ईरान के एकमात्र परमाणु बिजली संयंत्र को एक रहस्‍यमय तरीके से बंद कर दिया गया हैबताया जा रहा है कि अगले 4 दिनों तक यह बुशेहर परमाणु संयंत्र बंद रह सकता हैईरान के इस एकमात्र परमाणु संयंत्र के बंद होने से अटकलों का बाजार गरम हो गया है तेहरानईरान के एकमात्र परमाणु बिजली संयंत्र को एक रहस्‍यमय तरीके से आपातकालीन शटडाउन के बाद बंद कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि अगले 4 दिनों तक यह संयंत्र बंद रह सकता है। परमाणु प्‍लांट के बंद होने से बंद होने से अंधेरा छा गया है। ईरान के इस एकमात्र परमाणु संयंत्र के बंद होने से अटकलों का बाजार गरम हो गया है और शक की सुई इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद की ओर जा रही है। तवानिर राज्य विद्युत ऊर्जा कंपनी के अधिकारी घोलामाली राखशानिमेहर ने कहा कि बुशहर स्थित इकाई को शनिवार को बंद किया गया है। यह करीब तीन से चार दिनों के लिए बंद रहेगी। हालांकि, उन्होंने इस बारे में अधिक विवरण साझा नहीं किया लेकिन ऐसा पहली बार है जब ईरान ने इकाई को आपातकालीन तौर पर बंद किया है। दक्षिणी बंदरगाह शहर बुशहर में स्थित इस इकाई को वर्ष 2011 में रूस की मदद से शुरू किया गया था। ईरान के परमाणु संयंत्र पर हमले में इजरायल का हाथ, मोसाद के पूर्व चीफ ने किए कई बड़े ‘खुलासे’रूस से आता है प्‍लांट के लिए यूरेनियम परमाणु अधिकारी महमूद जाफरी ने मार्च में कहा था कि इस इकाई को बंद करना पड़ सकता है क्योंकि तेहरानअमेरिकी प्रतिबंधों के कारण इसके लिए आवश्यक कल-पुर्जे और उपकरण खरीदने में असमर्थ है। ईरान को इस रिएक्‍टर के इस्‍तेमाल किए हुए ऊर्जा रॉड को दोबारा रूस भेजना पड़ता है ताकि वह इसका गलत इस्‍तेमाल करके परमाणु बम न बना ले। इस प्‍लांट के लिए यूरेनियम रूस से आता है। इस पर संयुक्‍त राष्‍ट्र की निगरानी रहती है। इजरायल ने ईरानी नतांज परमाणु संयंत्र में मचाई ऐसी तबाही, 9 महीने तक के लिए पिछड़ाबुशहर प्‍लांट के बंद होने से अटकलों का बाजार गरम हो गया है। सोशल मीडिया पर लोगों को आशंका है कि इसके पीछे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ हो सकता है। इजरायल ईरान के परमाणु कार्यक्रमों का लगातार विरोध करता रहा है। इजरायल के नए प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर दुनिया को चेतावनी दी है। ईरान के परमाणु केंद्र पर हमले में मोसाद का हाथ इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के पूर्व प्रमुख योसी कोहेन ने पिछले दिनों ईरान के परमाणु केंद्र पर हमले में हाथ होने के संकेत दिए थे। उन्होंने चैनल 12 के एक प्रोग्राम में ईरान के परमाणु केंद्र पर हमले और वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या में मोसाद की भूमिका को परोक्ष रूप से स्वीकार किया था। इस प्रोग्राम में कोहने ने ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि वे अगर नौकरी नहीं छोड़ते हैं तो उनपर भी हमले हो सकते हैं। योसी कोहेन कुछ ही दिन पहले मोसाद चीफ के पद से रिटायर हुए हैं।