हाइलाइट्सनासा ने सफलतापूर्वक लॉन्च किया अब तक का सबसे शक्तिशाली स्पेस टेलिस्कोपभारतीय समयानुसार शाम 5:30 बजे हुआ लॉन्च, अंतरिक्ष में लेगा हबल की जगहजेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप के निर्माण में लगी है 10 हजार वैज्ञानिकों की मेहनतपेरिसअमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने अपने नए जेम्स वेब टेलिस्कोप को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। जेम्स वेब की लॉन्चिंग नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी के सहयोग से हुई है। इसे अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी कहा जा रहा है क्योंकि जेम्स वेब अत्यधिक दूरी पर मौजूद तारों, ग्रहों, आकाशगंगाओं, ब्लैक होल, ऐस्टरॉइड की खोज में अहम भूमिका निभाएगा। अभी तक नासा का हबल टेलिस्कोप अंतरिक्ष से अद्भुत तस्वीरें भेजता है जिसकी जगह अब जेम्स वेब टेलिस्कोप लेगा।शनिवार 25 दिसंबर को भारतीय समयानुसार 5:50 बजे फ्रेंच गुएना स्थित कोरोऊ लॉन्च स्टेशन से एरियन-5 ईसीए रॉकेट के माध्यम से जेम्स वेब टेलिस्कोप की लॉन्चिंग की गई। यह धरती से 15 लाख किमी की ऊंचाई पर स्थापित होगा। जेम्स वेब के निर्माण में 10 हजार वैज्ञानिकों ने सहयोग किया है। माना जा रहा है कि जेम्ब वेब टेलिस्कोप की अद्भुत क्षमता से ब्रह्मांड की उत्पत्ति और एलियंस के अस्तित्व जैसे रहस्यों को सुलझाने में मदद मिलेगी।टेलिस्कोप में लगा 21.32 फीट चौड़ा गोल्डेन मिररइसे नासा, यूरोपियन स्पेस एजेंसी और कनाडाई स्पेस एजेंसी ने मिलकर बनाया है। नासा के नए टेलिस्कोप में एक गोल्डेन मिरर लगा हुआ है जिसकी चौड़ाई करीब 21.32 फीट है। यह मिरर बेरिलियम से बने 18 षटकोण टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया है। हर टुकड़े पर 48.2 ग्राम सोने की परत चढ़ी हुई है जिससे यह एक परावर्तक की तरह काम करता है। अगर इसे कोई नुकसान नहीं हुआ तो यह 5 से 10 साल तक लगातार अपना काम करता रहेगा।NASA का जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप लॉन्चिंग के लिए तैयार, ‘नई आंख’ से खुलेंगे अंतरिक्ष के रहस्य ?निर्माण में आया 73,616 करोड़ रुपए का खर्चफरवरी में यह 40 दिन बाद अंतरिक्ष की पहली तस्वीर खींचेगा। यह टेलिस्कोप पुराने हबल से काफी अलग है। खराबी आने पर हबल के विपरीत धरती से ही इसकी मरम्मत की जा सकेगी। जेम्स वेब टेलिस्कोप के निर्माण में 10 अरब डॉलर (करीब 73,616 करोड़ रुपए) का खर्च आया है। महंगा होने के बावजूद इसका काम पैसा वसूल होगा। ये टेलिस्कोप इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम को भी देखने में सक्षम होगा यानी यह बेहद दूर स्थित धुंधले तारों और आकाशगंगाओं को भी साफ देखा जा सकेगा।