हाइलाइट्सकाबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए बम धमाकों में गई 12 अमेरिकी सैनिकों की जानअमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमलावरों को दी अंजाम भुगतने की चेतावनीबाइडेन ने कहा- हम आतंकियों को माफ नहीं करेंगे, उन्हें ढूंढेंगे और इसकी सजा देंगेवॉशिंगटनकाबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए बम धमाके में अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन बेहद गुस्से में हैं। हमले के बाद वाइट हाउस से अपने एक संबोधन में जो बाइडेन ने कहा कि हम आतंकियों को माफ नहीं करेंगे, उन्हें ढूंढेंगे और इसकी सजा देंगे। दरअसल, काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए आत्मघाती हमले में 12 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई है।हम माफ नहीं करेंगे, हम उन्हें ढूंढेंगे और मारेंगेकाबुल के हमलावरों को चेतावनी देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा- ‘हम माफ नहीं करेंगे। हम नहीं भूलेंगे। हम आपको ढूंढेंगे, मारेंगे और आपके किए की सजा देंगे।’ राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा- ‘हम अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को बचाएंगे। हम अपने अफगान सहयोगियों को बाहर निकालेंगे और हमारा मिशन जारी रहेगा।’तालिबान और ISIS के गठजोड़ का कोई सबूत नहींकाबुल एयरपोर्ट के बाहर आत्मघाती हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा- ‘काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमलों में अब तक तालिबान और इस्लामिक स्टेट के बीच मिलीभगत का कोई सबूत नहीं है।’पहले ही हमले का अलर्ट दे चुके थे बाइडनअमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन खुद ही कम से कम तीन बार काबुल एयरपोर्ट पर हमले का अलर्ट दे चुके थे। 20 अगस्त को उन्होंने कहा था कि हम हवाई अड्डे पर या उसके आस-पास किसी भी संभावित आतंकवादी खतरे पर भी कड़ी नजर रख रहे हैं। इसमें अफगानिस्तान में आईएसआईएस सहयोगी शामिल हैं, जो जेलों को तोड़ने के बाद बाहर निकले हैं।अमेरिका और ब्रिटेन ने काबुल में आतंकी हमले को लेकर किया था अलर्ट, कुछ ही घंटे बाद ISIS के 2 आत्मघाती हमलों से थर्रा उठा एयरपोर्ट15 सैनिकों के घायल होने की भी खबरआपको बता दें कि काबुल में गुरुवार शाम को हुए दो धमाकों में 12 अमेरिकी सैनिकों की जानें गई हैं। देर रात अमेरिकी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि कर दी है। मरने वालों में 11 मरीन और एक नेवी का सैनिक है, 15 सैनिक घायल बताए गए हैं। शुरू में कहा गया था कि इनमें कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई, बाद में यह संख्या बढ़कर 60 हो गई। ये दो हमले एयरपोर्ट के बाहर हुए। पहला हमला बैरन होटल के पास एब्बी गेट पर हुआ दूसरा मेन गेट पर। आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने इसकी जिम्मेदारी ली है।