हाइलाइट्सकाबुल एयरपोर्ट पर आईएस के आतंकी ने भीषण हमले करके 90 लोगों की जान ले ली हैइस आत्मघाती बम हमले के लिए अब पाकिस्तान शक के दायरे में आता दिख रहा हैपाकिस्तान का आईएसआईएस का चेहरा अमीर मावलावी अब्दुल्ला फारूकी हमलों पर घिरा काबुलअफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर आईएसआईएस के आतंकी ने गुरुवार को भीषण हमले करके 90 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। मरने वाले लोगों में 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं। इस आत्मघाती हमले के लिए अब पाकिस्तान शक के दायरे में आता दिख रहा है। अफगान सूत्रों के मुताबिक शांति प्रक्रिया के दौरान कई ‘खतरनाक और दुर्दांत आतंकी’ छोड़े गए थे। यही आतंकी काबुल हमले के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इसमें पाकिस्तान का आईएसआईएस का चेहरा अमीर मावलावी अब्दुल्ला फारूकी भी शामिल है। न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक फारूकी गुरुद्वारा हमले में शामिल रहा है जिसमें 27 लोग मारे गए थे। जांच के दौरान फारूकी ने माना था कि वह गुरुद्वारा हमले में शामिल था। उसने यह भी स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने इस हमले की साजिश रची थी। फारुकी पहले लश्कर-ए-तैयबा में शामिल था और उसके बाद वह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान में शामिल हो गया। जानिए कौन है काबुल एयरपोर्ट को दहलाने वाला इस्लामिक स्टेट ‘के’, 13 अमेरिकी सैनिकों की ली जान’मावलावी और उसके पुराने साथियों ने मिलकर हमला किया’वर्ष 2019 में मावलावी जिआ उल हक ऊर्फ अबू उमर खोरासानी की जगह पर अप्रैल 2019 में आईएसकेपी का चीफ बना था। मावलावी के साथ लश्कर के चार अन्य आतंकी भी पकड़े गए थे। भारतीय खुफिया सूत्रों का कहना है कि इस बात की बड़ी आशंका है कि मावलावी और उसके पुराने साथियों ने मिलकर यह हमला किया है और पाकिस्तानी एजेंसियां भी यह चाहती थीं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि क्षेत्र में अस्थिरता आए ताकि आतंकी साजिशों को अंजाम दिया जा सके। तालिबान-हक्कानी नेटवर्क से जुड़े हैं आईएसआईएस के तार, अमरुल्ला सालेह का पाकिस्तान पर वारआईएसआईस-के मध्य एशिया में इस्लामिक स्टेट का सहयोगी है। 2014 में इस्लामिक स्टेट के लड़ाके पूरे सीरिया और इराक में फैल गए जिसके कुछ महीने बाद 2015 में आईएसआईएस-के की स्थापना हुई। इस संगठन में ‘खुरासान’ दरअसल अफगानिस्तान का एक प्रांत है जो अफगानिस्तान, ईरान और मध्य एशिया के ज्यादातर हिस्से कवर करता है। इसे ISK या ISIS-K के नाम से भी जाना जाता है। आतंकवादी संगठन की शुरुआत कई सौ पाकिस्तानी तालिबान लड़ाकों के साथ हुई थी।मावलावी अब्दुल्ला फारूकी ने कराया हमला