हाइलाइट्सजाम्बिया में खनन कंपनी जेमफील्‍ड के हाथ 7,525 कैरेट या 1,505g का पन्‍ना लगा हैयह कंपनी के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा पन्‍ना है जिसे कागेम खदान से निकाला गया हैजेमफील्‍ड कंपनी ने बताया कि इस रत्‍न को गत 13 जुलाई को खदान से निकाला गया था लुसाकाअफ्रीका की धरती ने एकबार फिर से अनमोल खजाना उगला है। जाम्बिया में खनन कंपनी जेमफील्‍ड के हाथ 7,525 कैरेट या 1,505g का पन्‍ना लगा है। यह कंपनी के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा पन्‍ना है जिसे कागेम खदान से निकाला गया है। कंपनी ने बताया कि इस पन्‍ना को 13 जुलाई को खदान से निकाला गया था और इसका ऐलान अब किया गया है। यह पन्‍ना जिस इलाके में पाया गया है, वहां बड़े पैमाने पर कॉपर पाया जाता है।इसकी विशालता को देखते हुए स्‍थानीय भाषा में इस रत्‍न का ‘गैंडा’ नाम दिया गया है। इस रत्‍न की खोज भूविज्ञानी मानस बनर्जी और रिचर्ड कापेटा ने की है। आमतौर पर 1000 कैरेट से ज्‍यादा के रत्‍न मिलना दुर्लभ होता है। अब तक बहुत कम ही लोग 1000 कैरेट के ऊपर के रत्‍न तलाश पाए हैं। इससे पहले कागेम खदान से इसी तरह की खोज पहले भी हो चुकी है। पैसे से काले गैंडे का संरक्षण किया जाएगायह रत्‍न शीशे की तरह से दिख रहा है और इसका रंग हरा है। इस रत्‍न को कंपनी की अगली नीलामी में नीलाम किया जाएगा जो इसी महीने हो सकती है। इस नीलामी से मिलने वाले पैसे के एक हिस्‍से से यहां पाए जाने वाले काले गैंडे का संरक्षण किया जाएगा। इसके अलावा शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और आजीविका से जुड़े प्रॉजेक्‍ट में भी पैसा खर्च किया जाएगा। इससे जाम्बिया में सकारात्‍मक बदलाव आने की उम्‍मीद है। इससे पहले अफ्रीकी देश बोत्‍सवाना में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हीरा खुदाई में हाथ लगा था। इस हीरे की खोज करने वाली कंपनी देबस्‍वाना ने कहा था कि यह अद्भुत हीरा 1,098 कैरेट का है। देबस्‍वाना की प्रबंध निदेशक लयनेटे आर्मस्‍ट्रांग ने कहा, ‘ऐसा माना जा रहा है कि यह दुनिया में गुणवत्‍ता के आधार पर तीसरा सबसे बड़ा हीरा है।’ उन्‍होंने कहा था कि यह दुर्लभ और असाधारण पत्‍थर हीरा उद्योग और बोत्‍सवाना के लिए काफी महत्‍वपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि यह विशाल हीरा संघर्ष कर रहे हमारे देश के लिए आशा की नई किरण लेकर आया है।