मॉस्को: रूस का चंद्रमा मिशन लूना-25 रविवार को खत्म हो गया। चंद्रमा की सतह से टकराने के बाद स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग की सारी उम्मीदें भी खत्म हो गई। लेकिन रूस ने चांद पर उतरने की अपनी उम्मीदें नहीं छोड़ी हैं। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने अगले सात सालों में तीन लूनर मिशन की योजना बनाई है। सिर्फ इतना ही नहीं इन मिशन के बाद रूस एक मिशन को दोस्त चीन के साथ अंजाम देगा। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस की मानें तो लूना-25 अनियंत्रित कक्षा में घूमने के बाद चंद्रमा से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ। लूना-25, 47 वर्षों में रूस का पहला चंद्रमा मिशन था।अब लूना-26 की तैयारीलूना-25 के क्रैश के बाद रूस ने अब लूना-26 की तैयारी शुरू कर दी है। लूना-25 का नाम चंद्रमा मिशनों की लूना श्रृंखला के तहत ही रखा गया था। सन् 1960 और 1970 के दशक में सोवियत संघ ने लूना सीरीज में कई प्रयोग किए थ। सन् 1976 में लॉन्च किया गया लूना-24, चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला आखिरी रूसी अंतरिक्ष यान था। लूना 25 के बाद अगले तीन साल में रूस लूना-26 को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। रूस के अलावा कई और देश भी अगले कुछ सालों में चांद की तरफ दौड़ते हुए नजर आएंगे।चीन के साथ होगा अगला मिशनरूस ने अगले सात सालों में कम से कम तीन और लूनर मिशन की योजना बनाई है। उसके बाद रूस और चीन मिलकर संभावित चालक दल वाले लूनर मिशन पर काम करते हुए नजर आएंगे। चीन लूनर मिशन के अगले चरण के तहत चंद्रमा पर मानवयुक्त मिशन को भेजने की तैयारी कर रहा है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग और वहां पर पानी तलाशना सबसे मुश्किल काम है। रूस और चीन एक साथ मिलकर इस काम को करते हुए नजर आएंगे। अमेरिका, चीन, भारत, जापान और यूरोपियन यूनियन जैसी बड़ी शक्तियां हाल के कुछ वर्षों में चांद की तरफ रवाना हुई हैं।