वॉशिंगटन: मंगल ग्रह से एक अद्भुत तस्‍वीर सामने आई है जो दुनियाभर के वैज्ञानिकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है। यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी के एक्‍सोमार्स ऑर्बिटर ने मंगल ग्रह के विशाल गड्ढे की तस्‍वीर जारी की है। यह गड्ढा पेड़ के ठूंठ की तरह से दिख रहा है जिसमें गोलाकार धारियां बनी हुई हैं। लाल ग्रह के आकाश से ली गई इस तस्‍वीर को पिछले साल जून महीने में CaSSIS कैमरे ने खींची थी जिसे अब जारी किया गया है। यह कैमरा एक्‍सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर में लगाया गया था। यह ऑर्बिटर साल 2016 में दक्षिणी कजाखस्‍तान के बैकानूर केंद्र से रवाना हुआ था और पिछले 4 साल से मंगल ग्रह के चक्‍कर लगा रहा है। जिस तरह से पेड़ को काट देने के बाद उसके ठूंठ पर धारियां नजर आती हैं, ठीक उसी तरह से गड्ढे के अंदर नुकीली धारियां नजर आ रही हैं। माना जा रहा है कि बर्फीले पानी के इकट्ठा होने और विस्‍तार होने की वजह से बनी हैं। यह गड्ढा कभी मंगल ग्रह का समुद्री इलाका रहे असिडालिया प्‍लानिटिया के मैदानी इलाके में स्थित है। यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस पेड़ के ठूंठ के आकार के गोले से धरती की पिछली जलवायु के बारे में विस्‍तृत विवरण मिल सकता है। गड्ढे के अंदर बनी धारियां लाल ग्रह के इतिहास को उजागर करती हैं। वैज्ञानिकों में इस बात को लेकर बहस छिड़ी हुई है कि मंगल के इन मैदानों में कभी विशाल समुद्र या अन्‍य जलीय क्षेत्र था। संभवत: यह बर्फ से ढंका हुआ था। एजेंसी ने कहा कि इस गड्ढे का आंतरिक हिस्‍सा संभवत: बर्फ से भरा हुआ है। एजेंसी ने कहा कि लाल ग्रह के इस गड्ढे में बने निशान संभवत: तापमान में आए मौसमी बदलाव का परिणाम हैं। मंगल ग्रह के चक्‍कर लगा रहा ऑर्बिटर पानी से समृद्ध इलाकों की तलाश कर रहा है। इससे वैज्ञान‍िक यह पता लगा सकेंगे कि मंगल ग्रह पर पानी का इतिहास क्‍या है। साथ ही क्‍या वहां पर कभी जीवन पनपा था। इस मिशन का दूसरा हिस्‍सा 2023 में शुरू होगा जब रोवर मंगल ग्रह पर प्राचीन समुद्र कहे जा रहे इलाके की जांच करेगा।