हाइलाइट्समंगल ग्रह पर बस्तियां बसाने का सपना देखने वालों के लिए अच्छी खबर हैयूरोपीय स्पेस एजेंसी को मंगल के ग्रैंड कैनयान में बड़ी मात्रा में पानी मिला हैमंगल ग्रह पर पानी की यह खोज एक्सोमार्स ट्रैस गैस ऑर्बिटर ने की है पेरिसमंगल ग्रह पर बस्तियां बसाने का सपना देखने वालों के लिए अच्छी खबर है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने बुधवार को ऐलान किया कि उसे मंगल ग्रह के ग्रैंड कैनयान में बड़ी मात्रा में पानी छिपा मिला है। मंगल पर पानी की खोज एक्सोमार्स ट्रैस गैस ऑर्बिटर ने की है। इस खोज में सबसे अच्छी बात यह है कि पानी का विशाल भंडार वल्लेस मरीनर्स की सतह के मात्र 3 फुट नीचे मिला है। वल्लेस मरीनर्स एक विशाल घाटी है जो 3862 किमी इलाके में फैली हुई है।पानी से भरा यह इलाका आकार में नीदरलैंड के आकार के बराबर है और कैंडोर चाओस घाटी का हिस्सा है। इस घाटी में पानी मिलने की सबसे ज्यादा उम्मीद है। शोध के सहलेखक अलेक्सी मलाखोव ने एक बयान जारी करके कहा, ‘हमने पाया है कि वल्लेस मरीनर्स का मध्यवर्ती हिस्सा पानी से पूरी तरह से भरा हुआ है। यह पानी हमारी अपेक्षा से भी ज्यादा है।’ उन्होंने कहा कि यह कुछ उसी तरह से है जैसे धरती पर हमेशा से बर्फ से ढंके इलाके रहे हैं। Video: नासा के अंतरिक्षयान ने पहली बार धधकते सूरज को ‘छुआ’, वातावरण में लगाया गोतामंगल ग्रह पर पहली बार पानी के साक्ष्य मिलेइन इलाकों में लगातार कम तापमान की वजह से बर्फ हमेशा के लिए सूखी जमीन के नीचे बनी रहती है। सबसे पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने साल 2006 में तस्वीरें जारी करके कहा था कि मंगल ग्रह पर पानी के साक्ष्य मिले हैं। इन तस्वीरों से पता चला था कि साल 1999 और 2001 के बीच में लिक्विड वॉटर मंगल ग्रह पर मौजूद था। 31 जुलाई 2008 को नासा के फोनिक्स मार्स लैंडर ने इस बात की पुष्टि की कि मंग्रल ग्रह पर बर्फ मौजूद है। इसमें भी वही तत्व पाए गए हैं जो धरती पर मौजूद पानी में हैं। लाल ग्रह पर कई सूख चुकी घाटियां और नदियों के इलाके हैं जिससे लंबे समय से यह अनुमान जताया जाता रहा है कि वहां पर कभी पानी बहता था। नासा का रोवर मार्स में घूम रहा है ताकि जेजोरो क्रेटर में खुदाई की जा सके। यह झील 3.5 अरब साल पहले पानी से भरी हुई थी। अभी तक जो पानी मिला था, वह बर्फ की शक्ल में बहुत गहराई में था। इस ताजा खोज से पता चला है कि सतह से मात्र 3 फुट नीचे बर्फ मौजूद है। अरबपति एलन मस्क मंगल ग्रह पर इंसानी बस्तियां बसाना चाहते हैं, यह खोज इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।मंगल ग्रह पर मात्र 3 फुट नीचे मिला पानी का विशाल भंडार