काबुलअफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हुए 10 दिन हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि सत्ता हस्तांतरण की सभी कार्रवाईयों को पूरा किया जा चुका है। कुछ ही दिनों में तालिबान इस्लामिक अमीरात सरकार का औपचारिक ऐलान कर सकता है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार कैसी होगी। क्या तालिबान सरकार में गैर पश्तून नेता भी शामिल होंगे या 1996 से 2001 की तरह केवल एक ही कबीले के लोग शामिल होंगे।तालिबान बनाएगा 12 सदस्यों की परिषदफॉरेन पॉलिसी की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान नेता अफगानिस्तान पर शासन करने के लिए एक 12 सदस्यीय परिषद का गठन करेंगे। इसमें अमेरिका समर्थित पूर्व सरकार के कुछ शक्तिशाली सदस्यों को उनकी पसंद के मंत्रालयों की पेशकश भी की जाएगी। दरअसल, तालिबान इन नेताओं के जरिए अपने शासन को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए स्वीकार्य बनने की कोशिश करेगा। नॉर्दन एलायंस का गढ़ बनी पंजशीर घाटी, क्या तालिबान की कब्जा करने की धमकी छलावा है?ये होंगे तालिबान सरकार के तीन बड़े चेहरेनेतृत्व परिषद में तीन सबसे शक्तिशाली व्यक्ति तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, दूसरा तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब और तीसरा हक्कानी नेटवर्क का सबसे वरिष्ठ सदस्य खलील हक्कानी होगा। ये तीनों ही अफगानिस्तान की सरकार का सबसे बड़ा चेहरा होंगे। अगर इन तीनों में से किसी एक या दो को सरकार में शामिल नहीं भी किया जाता है तब भी ये पर्दे के पीछे रहकर सरकार को चलाने का काम करेंगे।जींस पहनने की सजा भुगत रहे अफगानी, राह चलते लोगों की पिटाई कर रहा तालिबानखतरनाक हैं मुल्ला याकूब और खलील हक्कानीमुल्ला याकूब तालिबान का सैन्य कमांडर और रणनीतिकार है। बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान के हमलों की अगुवाई उसी ने की थी। खलील हक्कानी भी काफी दुर्दांत आतंकवादी है। पिछले 20 साल में उसने पूरे अफगानिस्तान में कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है। इस आतंकी को संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने ब्लैकलिस्ट किया हुआ है। जब तक अफगानिस्तान में है एक भी अमेरिकी सैनिक, नहीं बनेगी सरकार: तालिबानसमावेशी सरकार दिखाना चाहता है तालिबानतालिबान के समर्थक और विरोधी दोनों तरह के सूत्रों ने कहा कि तालिबान नेतृत्व जितना संभव हो उतना समावेशी दिखना चाहता है। पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई द्वारा गठित तथाकथित समन्वय परिषद के साथ अनौपचारिक बातचीत पहले ही शुरू हो चुकी है। इस बातचीत में अफगानिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला-अब्दुल्ला भी शामिल हैं। वे पिछली सरकार में तालिबान के साथ शांति वार्ता समिति के अध्यक्ष थे। इनके अलावा तालिबान और पाकिस्तानी अधिकारियों के करीबी एक पूर्व सरदार गुलबुद्दीन हिकमतयार भी इस बैठक में शामिल है।मुल्ला बरादर के साथ बाकी तालिबानी नेता