कैलिफोर्नियाअमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के सूरज को पार करते हुए एक तस्वीर जारी की। इस तस्वीर में सूरज के सामने से गुजर रहे आईएसएस की सात फ्रेम को जोड़कर बनाया गया है। तस्वीर में नारंगी रंग के सूरज के सामने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन काले रंग के धब्बे के जैसे दिख रहा है। नासा ने बताया कि यह तस्वीर 25 जून 2021 को वर्जीनिया के नेलिसफोर्ड के पास से ली गई सात तस्वीरों को जोड़कर बनाई गई है। तस्वीर के दौरान स्पेसवॉक पर थे दो अंतरिक्षयात्रीनासा के अनुसार, ट्रांजिट के समय अंतरिक्ष यात्री शेन किम्ब्रू और थॉमस पेस्केट अंतरिक्ष स्टेशन के बाहर एक स्पेसवॉक पर थे। इस दौरान इन दोनों ने 6 घंटे 45 मिनट का समय बाहरी अंतरिक्ष में गुजारा। ये अंतरिक्ष यात्री पिछले कई दिनों से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के बाहर शक्तिशाली नए सौर पैनल स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं। सूरज की परिक्रमा के समय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्पीड आठ किलोमीटर प्रति सेकेंड की थी।8 किमी प्रति सेकेंड की स्पीड से परिक्रमा कर रहा आईएसएसअमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, अंतरिक्ष स्टेशन पृथ्वी से लगभग 410 किलोमीटर ऊपर परिक्रमा लगा रहा है। अंतरिक्ष यात्री पिछले हफ्ते पहले सौर विंग को उसकी जगह स्थापित करने में कामयाब रहे थे, लेकिन बिजली के कनेक्शन जोड़ने और पैनल को इसकी पूरी 63 फुट (19 मीटर) लंबाई तक बिछाने में देरी हुई। इन नए सौर पंखों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये एक लाल कालीन की तरह सतह पर बिछ सकता है, जो पुराने वाले से बिल्कुल अलग है।रूस ने भी शुरू की स्पेस स्टेशन बनाने की तैयारीरूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मंजूरी मिलने के बाद अपने अंतरिक्ष स्टेशन को बनाने काम शुरू कर दिया है। एजेंसी ने दावा किया है कि साल 2030 तक उसका दूसरा स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन काम करने लगेगा। इससे पहले अप्रैल 1971 में रूस ने सोयूत-1 (Salyut 1) नाम का स्पेस स्टेशन लॉन्च किया था। माना जा रहा है कि यह प्रोजक्ट रूसी स्पेस एक्सप्लोरेशन के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा।अमेरिका को अंतरिक्ष में भी कड़ी टक्कर देंग चीन-रूस, ISS से अलग लॉन्च करने जा रहे खुद का स्पेस स्टेशनअमेरिका के ISS को रूस ने बताया खतरनाक1998 से रूस अमेरिका सहित कई अन्य देशों के साथ मिलकर नासा के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को ऑपरेट कर रहे थे। कुछ दिनों पहले ही रूस ने आईएसएस को कबाड़ बताते हुए इसे अंतरिक्षयात्रियों के लिए खतरनाक घोषित कर दिया है। इस अलगाव के बाद रूस को अब खुद के स्पेस स्टेशन की जरुरत आन पड़ी है। रोस्कोस्मोस के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने कहा कि 2030 में अगर अपनी योजनाओं के अनुसार इसे कक्षा में डाल सकते हैं, तो यह एक बड़ी सफलता होगी