काठमांडू: नेपाल में एक बार फिर से चीन समर्थक वामपंथी दल अमेरिका के एमसीसी प्रॉजेक्ट का विरोध करने में जुट गए हैं। पिछले साल सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल दलों ने अमेरिका के एमसीसी प्रॉजेक्ट को संसद से स्वीकृति दिलवाई थी लेकिन अब जब इसे लागू कर दिया गया है तो वे इस अमेरिकी आर्थिक सहायता का विरोध करने में जुट गए हैं। प्रचंड सरकार के गठबंधन में शामिल सीपीएन एकीकृत समाजवादी ने एक अलग पैनल बनाया है ताकि यह अध्ययन किया जा सके कि क्या एमसीसी को लागू किए जाने से नेपाल की ‘संप्रभुता कमजोर’ तो नहीं होगी।इसके अलावा सोशलिस्ट फ्रंट नेपाल में शामिल एक अन्य राजनीतिक दल ने भी एमसीसी के क्रियान्वयन का विरोध करने का ऐलान किया है। इसी फ्रंट का हिस्सा नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड भी हैं। नेत्र बिक्रम चांद के नेतृत्व वाली माओवादी पार्टी भी एमसीसी की धुर विरोधी रही है। उसने पिछले सप्ताह ऐलान किया था कि अगर एमसीसी ने नेपाल की संप्रभुता को कमजोर किया तो एमसीसी के फंडिंग वाले प्रॉजेक्ट का विरोध करेंगे। कुछ और वामपंथी दल भी इस अमेरिकी सहायता का कड़ा विरोध कर रहे हैं।चीनी राजदूत के जहरीले बयान पर भारत सख्त, नेपाल से कार्रवाई की मांग, फंसी प्रचंड सरकारएमसीसी का मुद्दा सत्तारूढ़ गठबंधन में विवाद का विषयवहीं सीपीएन एकीकृत समाजवादी पार्टी के अंदरुनी सूत्रों और पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस पैनल का बनाना एमसीसी विवाद के सुलझ जाने के बाद उसे भड़काने की कोशिश है। पार्टी के प्रवक्ता खातिवादा ने कहा, ‘हमारी पार्टी का बहुत साफ रुख है कि एमसीसी को लागू करते समय हमारी पार्टी और संसद की चिंताओं अनदेखा न किया जाए।’ उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने एक पैनल का गठन किया है ताकि एमसीसी को लागू करने की निगरानी की जा सके।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि एमसीसी का मुद्दा सत्तारूढ़ गठबंधन में विवाद पैदा हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषण और शेर बहादुर देउबा के विदेशी मामलों के पूर्व सलाहकार अरुण सुबेदी ने कहा, ‘पीएम प्रचंड ने पिछले सप्ताह कहा था कि अगर एमसीसी में कुछ भी संदिग्ध पाया जाता है तो वह प्रदर्शन शुरू करेंगे लेकिन हम यह समझ नहीं पाए कि उनकी यह टिप्पणी किसके लिए थी। एक अन्य वामपंथी नेता माधव नेपाल भी एमसीसी का विरोध कर रहे हैं।नेपाल में अमेरिका के एमसीसी लागू होने के दिन ही चीन ने कर दिया खेल? संकट में प्रचंड सरकारचीन ने एमसीसी के खिलाफ नेपाल में कराया था प्रदर्शन!सुबेदी ने कहा कि यह विरोध जारी रहा तो अंतरराष्ट्रीय लोकतांत्रिक समुदाय अपने रुख की समीक्षा कर सकता है। इससे पहले कई साल तक चीन के इशारे पर नेपाल के अंदर एमसीसी प्रॉजेक्ट का वामपंथी दलों ने कड़ा विरोध किया था। इसके बाद अमेरिका भड़क उठा और उसने नेपाल को चेतावनी तक दे डाली थी। अमेरिका की धमकी के बाद नेपाल की संसद ने किसी तरह से पारित किया। अब पिछले महीने इसे लागू किया गया है लेकिन एकबार फिर से इसका विरोध शुरू हो गया है। चीन का मानना है कि अमेरिका उसके प्रभाव को कम करने के लिए एमसीसी प्रॉजेक्ट को नेपाल में चला रहा है।