वॉशिंगटनपिछले साल जनवरी में ऐसी तरंगें डिटेक्ट की गई थीं जिन्होंने पूरे विज्ञान जगत को हैरत में डाल दिया था। ये क्या थीं और कहां से आई थीं, अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने अब इससे जुड़े कई सवालों के जवाब खोजे हैं। गुरुत्वाकर्षण तरंगों के डिटेक्टर्स के ग्लोबल नेटवर्क की मदद से की गई स्टडी के नतीजे सामने आए हैं। रिसर्चर्स के मुताबिक एक ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारे की टक्कर के कारण टाइम और स्पेस में ये तरंगें फैली थीं और ऐसी दो टक्कर 10 दिन के अंतराल पर डिटेक्ट की गईं। यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के इंस्टिट्यूट फॉर ग्रैविटेशनल वेव ऐस्ट्रोनॉमी की डॉक्टर पट्रीशिया श्मिट के मुताबिक न्यूट्रॉन स्टार और ब्लैक होल के सिस्टम की मौजूदगी का यह सबसे अहम सबूत है। इन डिटेक्शन से हमारी समझ पर बड़ा असर पड़ेगा। इसके साथ ही यह भी समझ आएगा कि गामा-रे बर्स्ट्स में इनकी क्या भूमिका होती है। दरअसल, इससे पहले वेव डिटेक्टर्स ने सिर्फ ब्लैक होल-ब्लैक होल या न्यूट्रॉन स्टार-न्यूट्रॉन स्टार सिस्टम की टक्कर को डिटेक्ट किया है। इनकी वजह से स्पेस में दूर तक ग्रैविटेशनल वेव्स जाती हैं।साल 2015 में पहली बार LIGO और Virgo कोलैबरेशन ने 1,3 अरब साल पहले टकराए दो ब्लैक होल से निकली वेव डिटेक्ट की थीं। इस बार डिटेक्टर्स ने न्यूट्रॉन स्टार के ब्लैक होल का चक्कर काटते-काटते उसमें मिल जाने की घटना को डिटेक्ट किया। इसेक कुछ दिन बाद दोबारा ऐसा डिटेक्शन किया गया। उम्मीद की जा रही है कि इस टक्कर से कई और अहम जानकारियां मिलेंगी और भविष्य में भी इस तरह की घटनाओं को डिटेक्ट किया जा सकेगा।Oumuamua: ऐस्टरॉइड, एलियन या आइसबर्ग… क्या है स्पेस से आई यह रहस्यमय चट्टान?LIGO -India/ Soheb Mandhai