ओटावा: कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मामला अभी शांत नहीं हुआ है। एक रिपोर्ट की मानें तो उसकी मौत के बाद से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बसे खालिस्तानी आतंकियों के बीच एक दहशत का माहौल है। निज्जर की मौत ने उन्हें सहमा दिया है। एक महीने के अंदर निज्जर तीसरा खालिस्तानी था, जिसकी मौत हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चरमपंथी खालिस्तानी न सिर्फ निज्जर की मौत का शोक मना रहे हैं बल्कि अपनी जिंदगी की भी गुहार लगा रहे हैं। साथ ही वो भारतीय एजेंसियों को इन मौतों के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।सुरक्षा एजेंसियों पर आरोपखालिस्तानियों के हमदर्द वर्ल्ड सिख ऑर्गनाइजेशन ने एक बयान जारी किया है। इस बयान में कहा गया है, ‘कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या सिखों के लिए गंभीर रूप से खतरनाक है। निज्जर ने सार्वजनिक तौर पर बार-बार दोहराया था वह भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसियों का निशाना बनेगा। यह बात एजेंसियों को मालूम थी। कनाडा की एजेंसियां जानती थीं कि निज्जर को महीनों तक अपने जीवन पर मौजूद खतरे का सामना करना पड़ा है।’ बयान के मुताबिक यह बात सच है कि निज्जर की हत्या ऐसे की गई है कि जो बताती है कि सुरक्षा एजेंसियां कितनी लापरवाह हैं।निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का कनाडा चीफ था। उसकी हत्या से तीन दिन पहले ही यूके में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के चीफ अवतार सिंह खांडा की भी मौत हो गई थी। उसकी मौत आज भी रहस्यमय बनी हुई है। बर्मिंघम के एक अस्पताल में खांडा की मौत हुई। दूसरी ओर कनाडा की एजेंसियों की शुरुआती जांच में पता लगता है कि निज्जर की हत्या प्रतिद्वंद्विता का नतीजा थी।पाकिस्तान, ब्रिटेन और अब कनाडा, भारत के तीन मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकियों की हत्या, संयोग या प्रयोग?6 मई को शुरू हुआ सिलसिलादूसरी तरफ ब्रिटेन के अधिकारियों ने भी ऐलान किया कि खांडा की मौत ऑन्कोलॉजिकल परेशानियों की वजह से हुई है। जबकि खांडा के समर्थकों का आरोप है कि उसे जहर दिया गया था। खांडा मार्च में लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने हुए विरोध का चेहरा था। वहीं निज्जर मार्च में कनाडा के उच्चायोग में तोड़फोड़ करने वालों में सबसे आगे था। हाल ही में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाने वाली झांकी परेड में निज्जर सबसे आगे था। छह मई को खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के मुखिया परमजीत सिंह पंजवार की पाकिस्तान के लाहौर में उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।कमांडर्स से सुरक्षा बढ़ाने की अपीलसूत्रों की मानें तो इन मौतों की वजह से खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस में डर पैदा कर दी है। इसके सुप्रीमो गुरपतवंत सिंह पन्नू अब खुद को अगले टारगेट के तौर पर देखने लगे हैं। संगठन ने सभी सीनियर कमांडर्स से सुरक्षा बढ़ाने और अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा है। साथ ही आईवीआर कॉलों की संख्या बढ़ा दी है। इसके अलावा निज्जर के खिलाफ बड़े विवाद में विरोध प्रदर्शन करने की दिशा में काम कर रहा है। भारतीय एजेंसियों की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।