Pages Of The Holy Quran Were Burnt Outside The Parliament In Sweden Islam OIC Hindi News- स्वीडन में फिर जलाई गई पवित्र कुरान संसद के सामने पवित्र किताब का अपमान भड़का इस्लामिक सहयोग संगठन

स्टॉकहोम: स्वीडन में एक बार फिर पवित्र कुरान के अपमान का मामला सामने आया है। सोमवार को स्टॉकहोम में स्वीडन की संसद के बाहर दो प्रदर्शनकारियों ने कुरान के पन्ने फाड़े और उन्हें जला दिया। हाल के हफ्तों में यह तीसरा प्रदर्शन है। वहीं स्वीडन के प्रधानमंत्री की ओर से चेतावनी देने के बाद यह पहला प्रदर्शन है। प्रधानमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा था कि इस्लाम की पवित्र पुस्तक का अपमान करके प्रदर्शनकारी स्वीडन को आतंकवाद का बड़ा टार्गेट बना रहे हैं। इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने सोमवार को बार-बार कुरान के अपमान पर स्वीडन और डेनमार्क की प्रतिक्रिया की आलोचना की।एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को सलवान मोमिका और सलवान नजेम नाम के शख्स ने संसद के बाहर पवित्र कुरान का अपमान किया। इसके बाद उन्होंने किताब के कुछ पन्ने जला दिए। मोमिका एक ईसाई इराकी शरणार्थी है। दोनों ने पहले भी ईद-उल-अजहा के मौके पर स्टॉकहोम की ग्रैंड मस्जिद के बाहर कुरान की प्रति जलाई थी। इस घटना पर दुनिया भर के मुस्लिम देशों ने नाराजगी जाहिर की थी। कई देशों में इस घटना के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन भी किए थे।इराकी दूतावास के सामने किया था अपमानकुछ साल पहले मोमिका ने स्वीडन में राजनीतिक शरण ली थी। जुलाई में उन्होंने स्वीडन की राजधानी में इराक के दूतावास के बाहर भी पवित्र कुरान का अपमान किया था। इसके अलावा अपने जूते साफ करने के लिए इराकी झंडे का इस्तेमाल किया था। इन दो घटनाओं के बाद मुस्लिम देशों में स्वीडिश दूतावास को निशाना बनाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इसे देखते हुए पिछले सप्ताह स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने कहा था कि वह गहराई से चिंतित हैं। क्योंकि इस तरह के प्रदर्शनों की लगातार अनुमति मांगी जा रही है।भड़के OIC ने दी वॉर्निंगप्रधानमंत्री ने स्वीडन की टीटी न्यूज एजेंसी को बताया कि स्वीडिश सुरक्षा सेवा ने पहले ही कहा था कि देश लंबे समय से आतंकी समूहों के निशाने पर हैं। लेकिन अब इस तरह की घटनाएं उसे प्राइमरी टार्गेट बना रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बोलने की स्वतंत्रता का अधिकार संविधान से मिलता है। स्वीडिश पुलिस किसी भी प्रदर्शन को तभी मना कर सकती है, जब उसी तरह के प्रदर्शन में पहले सार्वजनिक गड़बड़ी हुई हो। OIC के प्रधान सचिव हुसैन इब्राहिम ताहा ने एक बातचीत में स्वीडन और डेनमार्क से इस्लामी दुनिया के लिए मुद्दे की गंभीरता और संगठन के देशों के साथ संबंधों पर पड़ने वाले असर पर विचार करने का आह्वान किया।अगर आप दुनिया से जुड़ी खबरों का अपडेट वॉट्सऐप से जानना चाहते हैं तो इस लिंक से जुड़ें