इस्लामाबाद: बीजेपी नेता रह चुकीं नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले नीदरलैंड के सांसद ग्रीट विल्डर्स की हत्या को भड़काने के आरोपी पाकिस्तानी क्रिकेटर खालिद लतीफ की मुश्किलें बढ़ गई हैं। नीदरलैंड ने सोमवार को कहा है कि वह पाकिस्तान के ‘चर्चित’ क्रिकेटर के खिलाफ अभियोग चलाने जा रहा है। ग्रीट का दावा है कि यह चर्चित पाकिस्तानी क्रिकेटर खालिद लतीफ हैं। नीदरलैंड के लोक अभियोग सेवा ने कहा कि 37 साल के व्यक्ति को ग्रीट की हत्या करने के लिए साल 2018 में 21 हजार यूरो का ऑफर दिया गया था।नीदरलैंड के जन अभियोग सेवा ने एक वीडियो का हवाला दिया था लेकिन संदिग्ध या टारगेट के बारे में कुछ नहीं बताया है। उसने कहा, ‘इस खास मामले में संदिग्ध की पहचान की जा सकती है। यह व्यक्ति अपने देश में चर्चित है। इसके फलस्वरूप नीदरलैंड की पुलिस ने तस्वीरों को देखकर उसकी पहचान कर ली है। ग्रीट विल्डर्स अक्सर इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। इससे पहले साल 2018 में ग्रीट पैगंबर मोहम्मद को लेकर कार्टून प्रतियोगिता करना चाहते थे लेकिन प्रदर्शनों और जान से मारने की धमकी के बाद उन्होंने इसे रद कर दिया था।Pakistan Army Chief: टैंक ‘बेकार’, भारत से युद्ध नहीं लड़ सकते… बाजवा के खुलासे से बेइज्जती पर पाकिस्तानी सेना ने चुप्पी तोड़ीखालिद ने मेरे सिर पर इनाम घोषित किया: ग्रीटग्रीट ने ट्वीट करके कहा कि संदिग्ध व्यक्ति पाकिस्तान का पूर्व ओपनिंग बैट्समैन लतीफ है। उन्होंने कहा, ‘नीदरलैंड के लोक अभियोजक अभियोग चलाएंगे और पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी खालिद लतीफ को सम्मन भी भेजेंगे। खालिद ने मुझे मारने के लिए साल 2018 में मेरे सिर पर इनाम घोषित किया था। वे खालिद को अरेस्ट करने और प्रत्यर्पित करने के लिए कहेंगे।’ ग्रीट ने अभियोजकों को धन्यवाद दिया और अनुरोध किया कि उन लोगों के खिलाफ भी ऐक्शन लिया जाए जो उन्हें धमकी दे रहे हैं।उधर, नीदरलैंड के लोक अभियोजन सेवा के प्रवक्ता से जब इस बात की पुष्टि करने को कहा गया कि ग्रीट को धमकी देने वाला पाकिस्तानी क्रिकेटर लतीफ है तो उन्होंने कहा कि हम कभी नाम नहीं देते हैं। वहीं लतीफ ने ग्रीट के इन आरोपों को खारिज किया है। लतीफ ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं तभी कोई टिप्पणी करूंगा जब उन्हें कोई सूचना मिलेगी। नीदरलैंड के अभियोजकों को अब पाकिस्तान से अनुरोध करना होगा ताकि लतीफ को सम्मन भेजा जा सके। हालांकि यह बहुत ही कठिन होने जा रहा है क्योंकि दोनों के बीच कोई कानूनी समझौता नहीं है।