इस्लामाबाद: बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारत का एक और बजट पेश कर दिया। इस बजट से साफ हो गया कि भारत ने अपने हर पड़ोसी का भरपूर ध्यान रखा है। साल 2021 में तालिबान के शासन के बाद भी अफगानिस्तान को भारत की मदद जारी है। अफगानिस्तान के लिए 200 करोड़ रुपए की तय की गई है। बजट को देखकर निश्चित तौर पर पाकिस्तान का रोने का मन कर रहा होगा। हर पड़ोसी के लिए मदद का ऐलान किया गया मगर उसे एक किनारे कर दिया गया। बड़े आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान के लिए पड़ोसियों को मदद मिलते देखना किसी बड़ी चोट के दर्द से कम नहीं है। नेपाल और श्रीलंका को भी मददभारत ने बजट में अफगानिस्तान के अलावा भूटान, नेपाल, मॉरीशस, मालदीव, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, सेशेल्स जैसे देशों को मदद का ऐलान किया है। भारत के बजट में 250 करोड़ रुपए अफ्रीकी देशों के लिए भी रखे गए हैं। पिछली बार की ही तरह इस बार भी अफगानिस्तान को 200 करोड़ रुपए मिले हैं। नेपाल के लिए 550 करोड़ रुपए और मुश्किलों में फंसे श्रीलंका को भी 150 करोड़ रुपए मिले हैं। अब यह पाकिस्तान की बुरी किस्मत है या नीयत, उसके बारे में भारत ने सोचा तक नहीं है।Pakistan vs Bangladesh: पाकिस्तान ने जो ख्वाब में नहीं सोचा, बांग्लादेश ने वो कर दिखाया, जानें कैसे अमीर हुआ ‘टके’ का देशIMF की मदद का इंतजारपाकिस्तान को इस बात से काफी बुरा लगेगा क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने भी बांग्लादेश के लिए बेलआउट पैकेज जारी कर दिया है। पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज का बेसब्री से इंतजार है लेकिन उसके बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.67 अरब डॉलर ही बचा है। इतनी रकम में सिर्फ तीन हफ्तों का ही आयात कर सकता है। आईएमएफ की तरफ से बेलआउट पैकेज के लिए जो शर्तें रखी गई हैं, उसके बाद आम जनता पर बोझ बढ़ना लाजिमी है। पिछले दिनों देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी बढ़ा दी गई हैं। अब देश में एक लीटर पेट्रोल 250 रुपए पर बिक रहा है।