वॉशिंगटन/इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पेशावर शहर में पुलिसलाइन की मस्जिद में आत्मघाती हमला करके 100 लोगों की जान लेने वाला आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान अभी आगे भी खून बहाता रहेगा। एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में सत्ता में आए तालिबानी आतंकी शायद ही टीटीपी को अपना समर्थन देना बंद करें। रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान जानता है कि पाकिस्तान की आर्थिक हालत बहुत खराब है और इतन पैसे नहीं हैं कि वह टीटीपी के खिलाफ बड़ी सैन्य कार्रवाई कर सके। अमेरिकी थिंक टैंक यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस ने अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी, ‘पाकिस्तान में आर्थिक संकट और अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के बीच टीटीपी आतंकी फिर से सिर उठा रहे हैं। ये आतंकी तेजी से बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं।’ तालिबानी सरकार के हाल ही में पाकिस्तान की आलोचना किए जाने का हवाला देते हुए इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यह गैर राजनयिक बयानबाजी बताती है कि तालिबान टीटीपी को समर्थन देने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है। वह भी तब जब पाकिस्तान की ओर से दबाव को तेज कर दिया गया है। Pakistan Economic Crisis: सिंध, पश्तून, बलूच… पाकिस्तान में हर कोई मांग रहा ‘आजादी’, जिन्ना के मुल्क के टुकड़े-टुकड़े कर देगी ये कंगाली?डिफॉल्ट होने की कगार पर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था थिंक टैंक ने कहा कि तालिबान का जवाब इस बात का संकेत देता है कि वह टीटीपी के ऊपर से अपना हाथ हटाने नहीं जा रहा है। इस रिपोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान की तबाह हो चुकी अर्थव्यवस्था उसकी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की क्षमता को कमजोर करेगी। अमेरिकी थिंक टैंक की रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों और अन्य पर्यवेक्षकों की उन रिपोर्टों से मेल खाती है जिनका कहना है कि टीटीपी आतंकी स्वतंत्र होकर घूम रहे हैं और अफगानिस्तान के शहरों में अपना रोजमर्रा का अभियान चला रहे हैं। यूएसआईपी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि कंधार तक पहुंच रखने वाले लोगों का कहना है कि तालिबान का मुखिया और उसके करीबी सलाहकार वैचारिक आधार पर टीटीपी को समर्थन जारी रख सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंच गई है। इससे पाकिस्तानी सेना की आतंकियों के खिलाफ विशाल सैन्य कार्रवाई को चलाने की क्षमता कम हो गई है। पाकिस्तानी सेना अपनी जमीन के अंदर छापा मार सकती है और बचाव के उपाय उठा सकती है लेकिन व्यापक सैन्य अभियान नहीं चला सकती है। Pakistan Economic Crisis 2023: परमाणु शक्ति संपन्न पाकिस्तान के पतन का क्या मतलब? क्या सीरिया-लीबिया बन जाएगा जिन्ना का देश?टीटीपी को खुद ही बढ़ा रही है पाकिस्तानी सेना?इससे पहले पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्ला ने धमकी दी थी कि अगर तालिबान ने टीटीपी को नहीं रोका तो पाकिस्तान हवाई हमला करेगा। रिपोर्ट में इस बयान का भी जिक्र है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान अप्रैल 2022 की तरह से हवाई हमला करना चाहता है और उसके ऊपर ऐसा करने के लिए दबाव भी बन रहा है लेकिन वह संभवत: ऐसा करने से बच रही है। यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना टीटीपी को बढ़ा रही है ताकि अमेरिका से आर्थिक मदद हासिल किया जा सके और इमरान खान को सत्ता में आने से रोका जा सके। इमरान खान को टीटीपी का हिमायती माना जाता है।