इस्लामाबाद: पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पांच साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया है। तोशाखाना मामले में दोषी पाए जाने के बाद ये कदम उठाया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मिले उपहारों को गलत तरीके से खरीदा बेचा। इस्लामाबाद की एक अदालत ने उन्हें तीन साल की जेल और एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद इमरान को जेल भेज दिया गया।पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में इमरान खान के 200 से अधिक समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है तथा उनमें वे लोग भी हैं जिन्होंने उनकी गिरफ्तारी का विरोध किया था। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी । इस्लामाबाद की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के प्रमुख खान (70) को तोशाखाना मामले में ‘भ्रष्टाचार’ का गुनाहगार पाया था और उन्हें तीन साल की कैद की सजा सुनायी थी। उसके शीघ्र बाद शनिवार को उन्हें यहां जमां पार्क आवास से गिरफ्तार कर लिया गया था। वह फिलहाल पंजाब प्रांत की अटक जेल में हैं।इमरान समर्थकों पर पुलिस का शिकंजापंजाब पुलिस के अनुसार खान की गिरफ्तारी के बाद से प्रांत के विभिन्न हिस्सों में पीटीआई के 200 से अधिक पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि पीटीआई ने आरोप लगाया है कि न केवल पुलिस ने खान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे उसके कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया बल्कि उसने पार्टी पदाधिकारियों को हिरासत में लेने के लिए उनके घरों पर छापा मारा। पुलिस ने कहा कि खान के एक दर्जन से अधिक समर्थकों पर आतंकवाद के आरोपों में मामला दर्ज किया गया है।हाई कोर्ट में इमरान ने की अपीलप्राथमिकी के अनुसार खान की मीडिया टीम समेत उनके साथ मौजूद लोगों ने शनिवार को उन्हें (खान को) गिरफ्तार करने गयी पुलिस टीम को धमकी दी थी। प्राथमिकी में कहा गया है, ‘उन्होंने हमला किया तथा पुलिसकर्मियों से सरकारी बंदूकें छीन लीं एवं उन पर बंदूकें तानकर उनकी जान लेने की धमकी दी। पुलिस ने बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया।’ इस बीच पीटीआई की अधिवक्ता शाखा इंसाफ लॉयर्स फोरम ने सोमवार और मंगलवार को लाहौर उच्च न्यायालय के बाहर प्रदर्शन किया तथा ‘फर्जी मामले में’ उनके नेता को सजा सुनाये जाने को लेकर पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार एवं सेना के विरूद्ध नारेबाजी की।खान ने मंगलवार को तोशाखाना मामले में अपनी दोषसिद्धि को मंगलवार को चुनौती दी और कहा कि ‘पक्षपातपूर्ण’ न्यायाधीश का फैसला ‘उचित प्रक्रिया एवं निष्पक्ष सुनवाई के चेहरे पर तमाचा है।’ उन्होंने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में अपनी दोषसिद्धि एवं तीन साल की कैद की सजा के खिलाफ तीन वकीलों के मार्फत अपील की है।(एजेंसी इनपुट के साथ)