इस्लामाबाद: पाकिस्तान आर्थिक प्रलय का सामना कर रहा है और उसके दोस्त देशों सऊदी अरब, चीन और संयुक्त अरब अमीरात ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को लोन के लिए दुनिया के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। इस बीच पाकिस्तान को कंगाली में ढकेलने के लिए बुरी तरह से घिरे देश के नए वित्त मंत्री इशाक डार ने इस्लामिक कार्ड खेल दिया है। उन्होंने कहा कि अगर अल्लाह पाकिस्तान का निर्माण कर सकता है तो वह हमारी रक्षा भी कर सकता है। इस बयान के बाद अब इशाक डार देश को बचाने के लिए मौलानाओं की शरण में पहुंच गए हैं। आइए जानते हैं पूरा मामला…पाकिस्तानी वित्तमंत्री इशाक डार देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए इस्लामिक सुकूक बांड जारी करना चाहते हैं। डार ने ऐलान किया है कि वह उलेमा और इस्लामिक विद्वानों से इस पर राय लेंगे। स्टियरिंग कमिटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डार ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के इस्लामिक फाइनेंसिंग और ब्याज मुक्त सिस्टम की तारीफ की। उन्होंने आशा जताई कि इस्लामिक ब्याज मुक्त सिस्टम को उसके सटीक अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। इशाक डार ने नवाज शरीफ पर दबाव डालकर पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल की कुर्सी संभाल ली लेकिन वह देश को नहीं संभाल पा रहे हैं। Pakistan Crisis India: कश्मीर भूल जाओ, भारत से दोस्ती करो… ‘भिखारी’ पाकिस्तान को सऊदी, यूएई की दो टूक, OIC की जुबान बंदइमरान खान सरकार पर फोड़ा ठीकरायही वजह है कि इशाक डार अब इस पूरे गंभीर आर्थिक संकट के लिए इमरान खान सरकार पर ठीकरा फोड़ने लगे हैं। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के सारे संकट के लिए इमरान जिम्मेदार हैं। उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब देश का मुद्रा भंडार गर्त में चला गया है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने कहा है कि पिछले सप्ताह उसके विदेशी मुद्रा भंडार में 92.3 करोड़ डॉलर की कमी आई है। केंद्रीय बैंक ने गुरुवार रात एक बयान में कहा कि 20 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान, पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक का कुल विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर लगभग 3.67 अरब डॉलर हो गया। बैंक ने कहा कि यह कमी ‘बाहरी कर्ज चुकाने के कारण’ थी। इसमें कहा गया है कि कमर्शियल बैंकों के पास शुद्ध विदेशी मुद्रा भंडार 5.77 अरब डॉलर रहा। एसबीपी के अनुसार, दक्षिण एशियाई देश द्वारा आयोजित कुल लिक्व्डि विदेशी भंडार लगभग 9.45 अरब डॉलर था। इस बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी अब आरोप प्रत्यारोप के खेल में शामिल हो गए हैं। शरीफ ने कहा कि इमरान खान सरकार की अक्षमता के कारण कई विकास परियोजनाएं अधर में लटक गई हैं। शहबाज शरीफ इमरान पर जहां आरोप लगा रहे हैं, वहीं पाकिस्तान को इससे निजात दिलाने का कोई ठोस प्लान नहीं दे पा रहे हैं। पाकिस्तान सरकार की अब नजर आईएमएफ पर है जो अरबों डॉलर का कर्ज देने के लिए कई तरह की शर्तें लगा रही है।