इस्लामाबाद: पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के बीच गुरुवार को बेलआउट पैकेज के लिए वार्ता बिना किसी समझौते के खत्म हो गई है। पाकिस्तान संगठन के साथ 6.5 अरब डॉलर वाले पैकेज के लिए आईएमएफ के साथ वार्ता कर रहा था और बिना किसी नतीजे के ही यह खत्म हो गई। यह पाकिस्तान की जनता के लिए बड़ा झटका है। हालांकि दोनों पक्ष इस बात पर रजामंद हुए हैं कि उन उपायों को लागू किया जाएगा जिसके जरिए कंगाली से बचने के लिए एक डील की जा सके। आईएमएफ के साथ वार्ता ऐसे समय में खत्म हुई है जब उसका विदेशी मुद्राभंडार तीन अरब डॉलर से भी नीचे चला गया है। टस से मस नहीं हुई IMF की टीमपाकिस्तान की अथॉरिटीज को उम्मीद थी कि वो आईएमएफ को अपने अच्छे इरादों के बारे में आश्वस्त कर लेंगे। आईएमएफ को इस बात पर भरोसा नहीं है कि सभी कड़ी शर्तों को पाकिस्तान लागू करेगा। मीटिंग में भी अथॉरिटीज उसे इस बात पर जरा भी यकीन दिलाने में असफल रहीं। आईएमएफ की टीम 10 दिनों के दौरे पर पाकिस्तान आई थी। गुरुवार को यह दौरा भी बिना किसी समझौते के खत्म हो गया। आईएमएफ की टीम को नाथन पोर्टर लीड कर रहे थे।IMF Loan Pakistan: पाकिस्तान के लिए आईएमएफ के इस अधिकारी का दिल नहीं पसीज रहा, कौन हैं नाथन पोर्टर जो करेंगे किस्मत का फैसलापाकिस्तान पर है IMF को शकशहबाज सरकार में वित्त मंत्री इशाक डार, पोर्टर और उनकी टीम को जरूरी भरोसा दिलाने में पूरी तरह से असफल रहे। डार आईएमएफ की टीम के साथ पिछले कई दिनों से लगातार मीटिंग कर रहे थे। मगर इसके बाद भी उन्हें जरूरी लक्ष्य हासिल नहीं हो सका। वित्त सचिव हामिद याकूब शेख ने कहा कि जरूरी एक्शन पर रजामंदी हो गई थी लेकिन इसके बाद भी स्टाफ लेवल एग्रीमेंट का ऐलान नहीं हो सका। विश्वसनीयता संकट के चलते आईएमएफ पाकिस्तान को लोन देने से बच रहा है। टूट गया शहबाज का वादाआईएमएफ देश पर अंधविश्वास नहीं करना चाहता है। मगर इस बार संगठन की तरफ से काफी कड़ी शर्तें भी पाकिस्तान के सामने रख दी गई थीं। गतिरोध को खत्म करने के लिए पीएम शहबाज और नाथन पोर्टर के बीच कॉन्फ्रेंस लिंक के जरिए बातचीत भी हुई थी। डार ने इस ताजा घटनाक्रम के बाद मीडिया के सामने आने से भी मना कर दिया। डार ने वादा किया था कि गुरुवार को देश के साथ एक गुड न्यूज शेयर करेंगे और ऐसा नहीं हुआ।