Pakistan Imran Khan: कभी जनरल नियाजी ने डाले थे हथियार, 52 साल बाद आज इस नियाजी के आगे पाकिस्तानी आर्मी ने किया सरेंडर! – pakistan army withdraw from imran khan house connection with india pakistan 1971 war surrender connection

इस्लामाबाद : पाकिस्तान का हाई वोल्टेज ड्रामा अब थमता नजर आ रहा है। फिलहाल खबर है कि लाहौर में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी के आवास से कानून प्रवर्तन एजेंसियां वापस चली गई हैं। सेना के लौटने के बाद, जमान पार्क के बाहर पीटीआई समर्थकों ने खुशी मनाई और ‘रेंजर्स का पीछा करते हुए’ जश्न मनाया। इससे पहले सुबह पुलिस और रेंजर्स ने तोशखाना मामले में पीटीआई प्रमुख को गिरफ्तार करने के लिए मंगलवार को शुरू हुए प्रयास जारी रखे। हालांकि, उन्हें पीटीआई कार्यकर्ताओं के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। पार्टी समर्थकों की ओर से उन पर पथराव किए जाने के बाद कानून प्रवर्तन कर्मी पीछे हट गए। सोशल मीडिया पर लोग वर्तमान हालात की तुलना 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध से कर रहे हैं जब भारी भरकम पाकिस्तानी सेना ने भारत के आगे सरेंडर कर दिया था। ऐसे में यह जानना बेहद अहम है कि पाकिस्तान में आज क्या हुआ और 52 साल पुरानी वह कहानी क्या है?पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने बुधवार को आरोप लगाया कि लाहौर में पार्टी प्रमुख इमरान खान के जमान पार्क आवास पर हमला किया गया। पार्टी ने तोशखाना मामले में इमरान को गिरफ्तार करने के नए प्रयासों के बीच सशस्त्र कानून प्रवर्तन कर्मियों की गोलीबारी की फुटेज पोस्ट की। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अपने आधिकारिक अकाउंट से एक ट्वीट में, पीटीआई ने ‘रेंजर्स और पुलिस की ओर से खुली फायरिंग’ का आरोप लगाते हुए एक वीडियो साझा किया, बिना यह बताए कि वीडियो कब फिल्माया गया। इसमें कहा गया है कि जमान पार्क ‘अत्यधिक हमले के तहत’ है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, टेलीविजन फुटेज में पुलिस की ओर से प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाते, उन पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागते हुए दिखाया गया है।Pakistan Imran News: पाकिस्‍तान में ‘1971 जैसे’ हालात, इमरान के किले में क्‍यों हार गई मुनीर सेना, शहबाज ने बताई वजहआमने-सामने दो प्रांतों की पुलिस?दूसरी ओर पाकिस्तान सरकार में सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने बुधवार को दावा किया कि इमरान खान ‘गिलगित-बाल्टिस्तान पुलिस’ का इस्तेमाल ‘पंजाब पुलिस पर हमला’ करने के लिए कर रहे हैं। दरअसल पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में पीटीआई सरकार है। इसी आधार पर मरियम औरंगजेब ने आरोप लगाया कि भारी संख्या में गिलगित पुलिस बल को इमरान के घर के बाहर तैनात किया गया है जो पंजाब पुलिस को कोर्ट के आदेश का पालन करने से रोक रहा है। एक बार फिर पीछे हटी पाकिस्तानी सेनापाकिस्तान में बुधवार को गृह युद्ध जैसे हालात बन गए थे। न सिर्फ भारी संख्या में इमरान समर्थक पाकिस्तानी रेंजर्स से भिड़ गए बल्कि आरोपों की मानें तो देश के दो प्रांतों की पुलिस भी आमने-सामने आ गई थी। करीब 20 घंटे तक पाकिस्तान में पत्थरबाजी होती रही और पेट्रोल बम का इस्तेमाल भी किया गया जिसमें भारी संख्या में लोग घायल हुए हैं। फिलहाल सच यही है कि पाकिस्तानी सेना को पीछे हटना पड़ा है। पााकिस्तान में लोग इसकी तुलना 1971 के भारत और पाकिस्तान जंग से कर रहे हैं।Pakistan Toshakhana: पाकिस्तानी नेता हुए बेनकाब, इमरान के अलावा इन्होंने भी मुल्क को ‘लूटा’लोगों को याद आया 1971 का युद्धट्विटर पर पाकिस्तान के एक यूजर ने पाक रेंजर्स का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘1971 में पाकिस्तान सेना के 93000 सैनिकों को भारतीय सेना ने सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया था। वे सिर्फ अपने लोगों के लिए बहादुर हैं। इतिहास में सरेंडर करने वाली इकलौती मुस्लिम सेना। शर्मनाक।’ ‘पाकिस्तान अनटोल्ड’ नाम के ट्विटर हैंडल ने लिखा, ‘इमरान खान के घर के बाहर रोचक घटनाएं हो रही हैं। पंजाब पुलिस इमरान को गिरफ्तार करने पहुंची लेकिन इमरान शासित राज्य की पुलिस ने उन पर बंदूक तान दी। पहली बार दो राज्यों की पुलिस ने दो दुश्मन देशों की सेनाओं की तरह एक-दूसरे पर बंदूक तान दी। सारे लक्षण 1971 वाले दिखाई दे रहे हैं।’ पाकिस्तान के आर्थिक विशेषज्ञ उजैर युनूस ने पूरे घटनाक्रम के बारे में लिखा, ‘यह 1971 के बाद से पाकिस्तान की एकजुटता के लिए सबसे बड़ा खतरा है।’93 हजार पाक सैनिकों ने किया था सरेंडरसाल 1971 में भारत के तमाम शांति प्रयासों के बावजूद 3 दिसंबर को पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के ठिकानों पर हमला बोल दिया था। इसके बाद भारत सीधे तौर पर इस लड़ाई में शामिल हुआ। यह लड़ाई 13 दिनों तक चली और 16 दिसंबर 1971 को शाम 4:35 बजे पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को भारतीय सेना के आगे सरेंडर करना पड़ा। भारत ने इस युद्ध के अंत के साथ दुनिया का नक्शा बदल दिया और बांग्लादेश नामक देश अस्तित्व में आया। पाकिस्तान के ले. जनरल नियाजी ने भारत के ले. जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए जिसकी ऐतिहासिक तस्वीर आज भी पाकिस्तान की हार का सबसे पुख्ता सबूत है।