Pakistan Russia Crude Oil,भारत की देखादेखी पाकिस्‍तान ने मंगाया रूस से कच्‍चा तेल, फिर लेना पड़ा आयात बंद करने का फैसला, जानें क्‍यों – pakistan suspends crude oil import from russia but why

कराची: पाकिस्‍तान ने भारत की तर्ज पर रूस से कच्‍चे तेल का आयात शुरू किया था। मगर अब पाकिस्‍तानी मीडिया की मानें तो इस आयात को सस्‍पेंड कर दिया गया है। पाकिस्तान की सरकार ने 12 जून को पाकिस्‍तान और मॉस्को के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के तहत रूस से रियायती दरों पर कच्चे तेल की पहली खेप का स्‍वागत किया था। उस समय तत्‍कालीन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे देश के लिए वादों को पूरा करने वाला कदम बताया था। जबकि पूर्व सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने इसे लोगों की ‘सच्ची सेवा’ कहा था। लेकिन अब इस फैसले से सबकुछ मुश्किलों में पड़ता दिख रहा है।यह है फैसले की वजहद न्‍यूज की तरफ से बताया गया है रिफाइनिंग प्रक्रिया में पेट्रोल की तुलना में फर्नेस ऑयल भारी मात्रा में निकलता है। इस तेल का कोई फायदा नहीं होता है। इसी वजह से पाकिस्‍तान से कच्‍चे तेल का आयात निलबिंत करने का फैसला किया है। सूत्रों ने दावा किया है कि पाकिस्तान रिफाइनरी ने रूसी तेल की ज्‍यादा मात्रा को रिफाइन करने से इनकार कर दिया है। कहा जा रहा है कि इससे अरब लाइट सी क्रूड ऑयल की तुलना में 20 फीसदी से ज्‍यादा फर्नेस ऑयल यानी भट्टी का तेल होता है। रूस से तेल आयात के मुद्दे ने पिछले एक साल में जमकर राजनीतिक और कूटनीतिक अहमियत हासिल की है। पाकिस्तान ने रूस से आने वाले तेल की कीमत और उसके आने की जानकारी को पूरी तरह से सीक्रेट रखा था।26 जून के बाद से नहीं आया तेलपाकिस्‍तानी की मीडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि रूस से आने वाले कच्चे तेल के आयात से होने वाले फायदे सीमित थे। यह भी दावा किया जा रहा है कि रूसी तेल से कम मात्रा में करोसिन और फ्यूल जेट मिलता है जिससे देश को कोई फायदा नहीं हो रहा था। कहा जा रहा है कि पूर्व पेट्रोलियम राज्य मंत्री मुसादिक मलिक के अनुरोध के बाद भी पाकिस्तान रिफाइनरी ने फिलहाल रूसी तेल को रिफाइन करना बंद कर दिया है। 11 और 26 जून को रूस से कच्चे तेल से लदे दो जहाज कराची बंदरगाह पर पहुंचे थे। इसके बाद रूस से तेल नहीं आया है।क्‍या कहते हैं विशेषज्ञपहली खेप में करीब 45,000 टन तेल था और यह 11 जून की शाम को कराची बंदरगाह पहुंची थी। इसके बाद करीब 56,000 टन कच्चे तेल के साथ दूसरा जहाज ने 26 जून को कराची पहुंचा था। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर ब्रेंट क्रूड ऑयल और अरब लाइट सी क्रूड ऑयल की कीमतें और बढ़ती हैं और रूसी तेल की कीमत नहीं बढ़ती है, तभी रूसी तेल की खरीद पाकिस्तान के लिए फायदेमंद हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी स्थिति की संभावना सीमित है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की खरीद फिर से शुरू करने की एक और संभावना तभी है जब रूस, पाकिस्तान को तेल की खरीद पर खास छूट दे।