जोहान्सबर्ग: दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक छोटी मुलाकात ने गुरुवार को सुर्खिंया बटोरीं। दोनों नेता साल 2020 से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी टकराव के बाद दूसरी बार मिले हैं। बताया जा रहा है कि इस छोटी मुलाकात में ही पीएम मोदी ने जिनपिंग को साफ कर दिया है कि चीन को एलएसी का सम्मान करना होगा। विदेश मंत्रालय की तरफ से इस बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।एलएसी पर शांति जरूरीभारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा की तरफ से बताया गया हैकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात की और एलएसी पर अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और एलएसी का सम्मान करना भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है। बताया जा रहा है कि दोनों देशों के नेता इस संबंध में अधिकारियों को जल्द से जल्द सैनिकों की वापसी और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर सहमत हुए हैं।पिछले साल बाली में पहली मुलाकातइससे पहले दिन में, पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स नेताओं की ब्रीफिंग से पहले एक-दूसरे हाथ मिलाया और अभिवादन किया। दोनों नेताओं को मंच पर संक्षिप्त बातचीत करते हुए भी देखा गया। पिछले साल नवंबर में बाली में आयोजित जी-20 डिनर के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी। हालांकि उस समय कोई भी बात नहीं हो पाई थी। उस सम्मेलन के बाद अब ब्रिक्स में पीएम मोदी और जिनपिंग मिले हैं। बाली में प्रधानमंत्री ने जिनपिंग से हाथ मिलाया और चीनी राष्ट्रपति भी उनकी ओर देखकर मुस्कुराये। तब पीएम मोदी और जिनपिंग ने एक दूसरे से कुछ मिनट तक बात की।गलवान हिंसा के बाद से तनावसाल 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प के बाद यह मोदी और शी जिनपिंग के बीच पहली मुलाकात थी। गतिरोध के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। दोनों देशों ने सीमा मुद्दों को सुलझाने के लिए सैन्य स्तर की बातचीत की है। साल 2019 के बाद पहला मौका था जब ब्रिक्स का आयोजन इस तरह से हुआ था। कोविड-19 महामारी के चलते इस सम्मेलन को वर्चुअली आयोजित किया जा रहा था।