हाइलाइट्स:पीएम मोदी ने दलाई लामा के जन्‍मदिन पर उनसे बात करके चीनी ड्रैगन को कड़ा संदेश दिया चीन के एक और धुर विरोधी ताइवान ने भी दलाई लामा को उनके 86वें जन्‍मदिन पर बधाई दी ऐसा पहली बार हुआ है जब पीएम के दलाई लामा से बात करने का सार्वजनिक रूप से ऐलान हुआपेइचिंग/नई दिल्‍लीलद्दाख में चल रहे तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिब्‍बतियों के सर्वोच्‍च धर्मगुरु दलाई लामा के जन्‍मदिन पर उनसे बातचीत करके चीनी ड्रैगन को कड़ा संदेश दिया है। यही नहीं चीन के एक और धुर विरोधी ताइवान ने भी दलाई लामा को उनके 86वें जन्‍मदिन पर बधाई दी और उनके उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य की कामना की है। बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब पीएम मोदी के दलाई लामा से बात करने का सार्वजनिक रूप से ऐलान किया गया है। इससे पहले डोकलाम, गलवान हिंसा के समय भी ऐसा ऐलान नहीं हुआ था। आज ही चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी ने एक सम्‍मेलन का आयोजन किया है जिसमें नेपाल के पीएम केपी ओली और पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान हिस्‍सा ले रहे हैं। भारत और ताइवान के इस संदेश चीनी ड्रैगन का भड़कना तय माना जा रहा है जो दलाई लामा को अपना विरोधी मानता रहा है।मिसाइल, रेडार, फाइटर जेट…चीन ने लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक बनाए 35 ‘हवाई किले’मोदी के इस बयान की सामरिक क्षेत्र में काफी प्रशंसा हो रही पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा, ‘मैंने दलाई लामा से फोन पर बात की है और उन्‍हें उनके 86वें जन्‍मदिन पर बधाई दी है। हम उनके लंबे और स्‍वस्‍थ जीवन की कामना करते हैं।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान की भारत के सामरिक क्षेत्र में काफी प्रशंसा हो रही है। रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने दलाई लामा को जन्‍मदिन की बधाई देकर बहुत अच्‍छा काम किया है। दलाई लामा दुनिया के सबसे सम्‍मानित जीवित बुद्ध हैं।ब्रह्मा चेलानी ने कहा क‍ि चीन दलाई लामा के मरने का इंतजार कर रहा है ताकि वह एक कठपु‍तली को बैठा सके। मुक्‍त दुनिया को चीन के इस प्‍लान को निश्चित रूप से फेल करना होगा। दरअसल, पीएम मोदी ही नहीं बल्कि अब भारत की चीन के प्रति पूरी सोच में ही बड़ा बदलाव आता दिख रहा है। इससे पहले भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले महीने चीन की सीमा से लगे सात राज्‍यों में 63 पुलों और 12 नई सड़कों का उद्घाटन किया था। ‘चीन की आपत्तियों पर ध्‍यान देना बंद कर दिया’भारतीय सेना के एक पूर्व अधिकारी ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट से बातचीत में कहा कि भारत की यह नई सोच इस बात को दर्शाती है कि उसने चीन की आपत्तियों पर ध्‍यान देना बंद कर दिया है। यही नहीं भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिप‍िन रावत ने पिछले दिनों कहा था कि पाकिस्‍तान नहीं बल्कि अब चीन भारत का ‘सबसे प्रमुख खतरा’ है। दरअसल, 11 दौर की बातचीत के बाद भी भारत और चीन के बीच लद्दाख में चल रहा गतिरोध खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहा है। इसी वजह से अब भारत ने चीन की आपत्तियों को दरकिनार करना शुरू कर दिया है। चीन अब अपने कब्‍जाए हुए इलाके पर अपनी पकड़ मजबूत करने में जुट गया है। वह अब वहां पर सर्दियों में भी रहने की तैयारी कर रहा है। यही नहीं चीन ने भारतीय सीमा पर कई हवाई रक्षा नेटवर्क तैयार कर लिए हैं। ऐसे में अ‍ब भारत के पास अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत करने के अलावा कोई रास्‍ता नहीं है। भारत की सबसे बड़ी कोशिश पुराने पुलों को मजबूत करना है ताकि टैंक और तोपें चीन की सीमा तक जा सकें।