PM Modi says India supports expansion of Brics in Johannesburg South Africa पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका में चला ऐसा दांव, फेल हुई जिनपिंग की चाल, ब्रिक्‍स विस्‍तार को भारत का समर्थन

जोहान्‍सबर्ग: दक्षिण अफ्रीका के सबसे बड़े शहर जोहान्‍सबर्ग में बुधवार से ब्रिक्‍स सम्‍मेलन का आगाज हो गया। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के संगठन ब्रिक्‍स का यह सम्‍मेलन इस बार काफी अहम है। सम्‍मेलन का विस्‍तार इस बार सबसे बड़ा मुद्दा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मसले पर चीन को क्‍लीन बोल्‍ड कर दिया है। पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि भारत ब्रिक्‍स के विस्‍तार के खिलाफ नहीं है। भारत की तरफ से पहले विस्‍तार को लेकर विरोध जताया गया था लेकिन अब यह ऐलान कहीं न कहीं चीन के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।भारत ने किया स्‍वागतपीएम मोदी ने सम्‍मेलन की शुरुआत के मौके पर कहा, ‘भारत ब्रिक्स विस्तार पर आम सहमति के साथ आगे बढ़ने का स्वागत करता है।’ उन्‍होंने आगे कहा, ‘ हमने अफ्रीकी यूनियन को G20 की स्थायी सदस्यता का प्रस्ताव दिया है। मुझे भरोसा है कि हमारे ब्रिक्स साझेदार जी20 में इसका समर्थन करेंगे।’ पीएम मोदी ने इसके साथ ही ब्रिक्स के नये विकास बैंक का भी जिक्र किया और कहा कि ग्‍लोबल साउथ के विकास में यह बैंक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।होगा ब्रिक्‍स विस्‍तार का ऐलानउन्‍होंने कहा कि ब्रिक्स को भविष्य के लिए तैयार संगठन बनाने के लिए, हमें अपने संबंधित समाजों को भी भविष्य के लिए तैयार करना होगा। साथ ही टेक्‍नोलॉजी इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। चीन ने मंगलवार को उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले ब्रिक्स क्लब का विस्तार करने का जिक्र किया था। संगठन के पांच सदस्‍य ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ग्‍लोबल इकोनॉमी के एक चौथाई हिस्‍से का प्रतिनिधित्व करते हैं। तीन दिनों तक ब्रिक्‍स सम्‍मेलन जोहान्‍सबर्ग में चलेगा और माना जा रहा है कि अंतिम दिन पर विस्‍तार से जुड़ा बड़ा ऐलान हो सकता है।कितने देशों को चाहिए सदस्‍यतादक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की शुरुआत में चीन के वाणिज्य मंत्री वांग वेन्ताओ ने राष्‍ट्रपति जिनपिंग का भाषण पढ़ा था। जिनपिंग ने कहा है कि वर्चस्ववाद चीन के डीएनए में नहीं है। चीन और रूस ने अंतरराष्‍ट्रीय मामलों में ब्रिक्‍स के महत्‍व को जोर देने की कोशिशों के तहत इसका विस्‍तार चाहते हैं। 40 से ज्‍यादा देशों ने ब्रिक्स समूह में शामिल होने की इच्‍छा जाहिर की है। 22 देशों ने औपचारिक रूप से सदस्यता का अनुरोध किया है। इनमें सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस्र और ईरान जैसे प्रतिद्वंद्वी शामिल हैं। इस लिस्‍ट में अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया के कुछ देश भी शामिल हैं।