हाइलाइट्सकाबुल धमाके के बाद ‘खून के नाले’ में भरीं लाशें और घायल अफगानकाबुल हमले के बाद के दृश्य का दावा करता ट्विटर पर शेयर वीडियोमरने वालों की संख्या 85 पहुंची, तालिबान ने कहा- 28 लड़ाकों की मौत काबुलकाबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए आत्मघाती हमले में अब तक 85 लोगों और 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई और 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए। तालिबान का कहना है कि इस हमले में उसके भी 28 लोग मारे गए हैं। सोशल मीडिया पर हमले के बाद का एक वीडियो शेयर किया गया है। यह बात की पुष्टि करता है कि हमला कितना भयानक था और उसके परिणाम कितने भयावह और वीभत्स हुए। वीडियो में एक नाला देखा जा सकता है जो लाशों से भरा हुआ है और खून की वजह से पानी का रंग लाल हो गया है, मानों ‘खून का नाला’ बह रहा है।लाशों से भरा ‘खून का नाला’घायलों और लाशों से भरे नाले में लोगों को मदद करते देखा जा सकता है। ट्विटर पर दावा किया गया है कि यह काबुल धमाके के बाद का वीडियो है। इनमें कई लावारिस लाशें भी होने की संभावना है जिन्हें अपने अंतिम संस्कार के लिए अब व्यवस्था पर निर्भर हैं। ‘व्यवस्था’ जो अफगानिस्तान में खत्म हो चुकी है। कइयों के पूरे परिवार इस धमाके में खत्म हो गए।हमले वाले दिन सुबह अलर्ट जारी किया गया था। कई लोग महिलाओं और बच्चों समेत अफगानिस्तान से निकलने की कोशिश में वहां इकट्ठा थे। अपना घर, संपत्ति और तमाम वह यादें जो दूसरे देश में उन्हें कभी नहीं मिलती, अफगान सब कुछ छोड़ने को तैयार थे। वे अदद एक जिंदगी चाहते थे ताकी उनके बच्चे आने वाला कल देख पाएं। 20 सालों से अपने देश और परिवार से दूर विदेशी सैनिक भी वापस लौटने के लिए उल्टी गिनती गिन रहे थे। अपनी सबसे लंबी जंग को खत्म कर के वे अब बस जल्द से जल्द लौटना चाहते थे लेकिन एक झटके में सब खत्म हो गया।जिंदगी की उम्मीद में मौत को लगा रहे गलेअफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद काबुल का हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा हजारों लोगों की उम्मीद का केंद्र बना हुआ है। यही वह जगह से जहां से लोग बाहर जा पा रहे हैं या कम से कम जाने की कोशिश कर रहे हैं। लोग देश से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन जिंदा रहने की कोशिश में पहले दिन से लगातार लोग जान गंवा रहे हैं, कभी आसमान से गिरकर तो कभी धमाके में।अफगानिस्तान के लोग पहले ही अपने जीवन के सबसे बुरे दिन झेल रहे हैं। विदेशी सैनिक, पड़ोसी देश और खुद अपने राष्ट्रपति अफगानों को मुश्किल की इस घड़ी में अकेला छोड़ चुके हैं। ऐसे में चिंता की बात यह भी है कि 31 अगस्त के बाद जब काबुल एयरपोर्ट से वापसी की उम्मीदें वापस जा चुकी होंगी तो अफगान कहां जाएंगे क्योंकि घर वापस आने के दरवाजे उनके लिए काफी हद तक बंद हो चुके हैं।जानिए कौन है काबुल एयरपोर्ट को दहलाने वाला इस्लामिक स्टेट ‘के’, 13 अमेरिकी सैनिकों की ली जानधमाके के वक्त नहर में खड़े थे लोगजानकारी के मुताबिक, एक हमलावर ने उन लोगों को निशाना बनाकर हमला किया जो गर्मी से बचने के लिए घुटनों तक पानी वाली नहर में खड़े थे और इस दौरान शव पानी में बिखर गए। ऐसे लोग जोकि कुछ देर पहले तक विमान में सवार होकर निकलने की उम्मीद कर रहे थे वो घायलों को एंबुलेंस में ले जाते देखे गए। उनके कपड़े खून से सन गए थे। यह विस्फोट ऐसे समय हुआ है, जब अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से हजारों अफगान देश से निकलने की कोशिश कर रहे हैं और पिछले कई दिनों से हवाई अड्डे पर जमा हैं। इस्लामिक स्टेट ने ली हमले की जिम्मेदारीकाबुल हवाई अड्डे से बड़े स्तर पर लोगों की निकासी अभियान के बीच पश्चिमी देशों ने हमले की आशंका जतायी थी। इससे पहले दिन में कई देशों ने लोगों से हवाईअड्डे से दूर रहने की अपील की थी क्योंकि वहां आत्मघाती हमले की आशंका जतायी गई थी। अमेरिका के एक अधिकारी का कहना है कि ‘निश्चित तौर पर माना जा रहा है कि’ काबुल हवाई अड्डे के पास हुए हमले के पीछे आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट का हाथ है। इस्लामिक स्टेट समूह तालिबान से अधिक चरमपंथी है और इसने असैन्य नागरिकों पर कई बार हमले किए हैं। आईएसआईस-के मध्य एशिया में इस्लामिक स्टेट का सहयोगी है। एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया है कि क्षेत्र को निशाना बनाए जाने के बावजूद निकासी अभियान के लिए काबुल हवाईअड्डे से उड़ान भरी जा रही हैं। काबुल हमले के बाद का वीडियो (साभार : ट्विटर)