Prime Minister Narendra Modi Gave Five Suggestion In BRICS Summit 2023 In Johannesburg South Africa- अंतरिक्ष से लेकर दवाइयों तक BRICS समिट में पीएम मोदी के पांच बड़े सुझाव सुनिए ग्लोबल साउथ का किया जिक्र

जोहान्सबर्ग: दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 15वां ब्रिक्स सम्मेलन हो रहा है। इसमें शामिल होने के लिए पीएम मोदी, ब्राजील और चीन के राष्ट्रपति पहुंचे हैं। रूस के राष्ट्रपति पुतिन वर्चुअल माध्यम से इस समिट में जुड़े। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सहित ब्रिक्स नेताओं ने सैंडटन कन्वेंशन सेंटर में पूर्ण सत्र में हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दो दशकों में ब्रिक्स ने बेहद शानदार यात्रा तय की है। हमारा न्यू डेवलपमेंट ब्रैंक ग्लोबल साउथ के देशों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।पीएम मोदी ने कहा, ‘ब्रिक्स सैटेलाइट, वैक्सीन आर एंड डी सेंटर, फार्मा उत्पादों को मान्यता जैसी पहलों से हम ब्रिक्स देशों के आम नागरिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं। यूथ समिट, ब्रिक्स गेम्स, थिंकटैंक काउंसिल जैसी पहल से हम सभी देशों के बीच नागरिकों से नागरिकों के बीच संबंध बढ़ा रहे हैं। ब्रिक्स एजेंडा को नई दिशा देने के लिए भारत ने रेलवे रिसर्च नेटरवर्क, एमएसएमई के बीच करीबी सहयोग, ऑनलाइन ब्रिक्स डेटाबेस और स्टार्टअप फोरम जैसे कुछ सुझाव रखे हैं। मुझे खुशी है कि इन विषयों पर उल्लेखनीय प्रगति हुई है।’स्पेस को लेकर पीएम का बड़ा सुझावपीएम मोदी ने आगे सदस्य देशों से कहा, ‘हमारे करीबी सहयोग को और भी व्यापक बनाने के लिए मैं कुछ सुझाव देना चाहूंगा। पहला है स्पेस के क्षेत्र में सहयोग- हम ब्रिक्स सैटेलाइट कॉन्सटिलेशन पर पहले से काम कर रहे हैं। एक कदम आगे बढ़ाते हुए हम ब्रिक्स स्पेस कंसोर्टियम (Brics space Consortium) बनाने पर विचार कर सकते हैं। इसके अंतगर्त हम स्पेस रीसर्च और मौसम की निगरानी का काम कर सकते हैं जो दुनिया के लिए हितकर होगा।’पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘मेरा दूसरा सुझाव शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और टेक्नोलॉजी में सहयोग है। ब्रिक्स को एक भविष्य के लिहाज से तैयार ऑर्गेनाइजेशन बनाने के लिए हमें अपने समाज को फ्यूचर रेडी बनाना होगा। इसमें टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका होगी। हमने भारत में दूर-दूर तक शिक्षा पहुंचाने के लिए डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग प्लेटफॉर्म बनाया है। साथ ही हमें देश में अटल एंकरिंग लैब बनाए हैं। भारत में एआई बेस्ड लैंग्वेज प्लेटफॉर्म भाषिणी का इस्तेमाल किया जा रहा है। वैक्सीनेशन के लिए कोविन प्लेटफॉर्म बनाया गया।’बिग कैट के संरक्षण का सुझावपीएम मोदी ने कहा कि भारत में विविधता है और यहां किसी भी समस्या का हल इस विविधता की कसौटी से होकर आता है। इसलिए हमारे सभी उपाय विश्व के किसी भी कोने में आसानी से लागू हो सकते हैं। भारत में विकसित इन सभी प्लेटफॉर्म को सदस्यों के साथ साझा करने में हमें खुशी होगी। पीएम मोदी ने तीसरा सुझाव देते हुए कहा कि हम एक दूसरे की ताकत को पहचान कर एक दूसरे के पूरक बन सकते हैं। वहीं चौथा सुझाव उन्होंने बिग कैट को लेकर दिया। पीएम ने कहा कि हम इनके संरक्षण के लिए साझा प्रयास कर सकते हैं।ग्लोबल साउथ पर विशेष जोरपीएम मोदी ने ब्रिक्स में पारंपरिक दवाइयों को लेकर अपना पांचवां सुझाव दिया। इसमें उन्होंने कहा, ‘सभी देशों में पारंपरिक दवाइयों का इकोसिस्टम है। मेरा सुझाव है कि क्या हम मिल कर पारंपरिक दवाइयों की रिपोजिटरी बना सकते हैं?’ पीएम ने आगे कहा कि दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में ग्लोबल साउथ के देशों को एक विशेष महत्व दिया गया है। हम इसका स्वागत करते हैं। वर्तमान समय में यह अपेक्षा ही नहीं, बल्कि जरूरत भी है। भारत ने जी-20 की अध्यक्षता में इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।