माले: मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की उस याचिका को रविवार को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि उन्हें अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की अनुमति प्रदान की जाए। यामीन के वकीलों ने तर्क दिया कि पूर्व राष्ट्रपति को चुनाव लड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए। उनका कहना था कि भ्रष्टाचार के जिस मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया था वह उच्च न्यायालय में अपील के अधीन है। संभावना है कि इसे पलट दिया जाएगा। शीर्ष अदालत की सात सदस्यीय पीठ ने यह याचिका खारिज कर दी। यामीन चीन के बड़े समर्थक हैं। कहा जाता है कि चीन की मदद से ही वह देश के राष्ट्रपति बने थे।11 साल के लिए जेल में बंद यामीनमनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार का दोषी ठहराए जाने के बाद यामीन वर्तमान में 11 साल की सजा काट रहे हैं। मालदीव के संविधान के अनुसार, किसी आपराधिक मामले के लिए दोषी ठहराया गया और 12 महीने से अधिक जेल की सजा पाने वाला व्यक्ति सजा पूरी होने के तीन साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ सकता है। यामीन साल 2013 से 2018 तक मालदीव के राष्ट्रपति थे। मालदीव में नौ सितंबर को चुनाव होने हैं। दिसंबर 2022 को यामीन को कोर्ट ने दोषी करार दिया था। इसके बाद जनवरी 2023 में उन्हें सजा सुनाई गई थी।चीन ने बढ़ाया अपना प्रभावकोर्ट ने यामीन को सजा सुनाते हुए कहा था कि यामीन के निजी खातों से पूर्व सांसद युसूफ नईम के खातों में रकम जमा कराई गई थी। यामीन पर उन एक मिलियन डॉलर की रकम को हासिल करने का आरोप था जिन्हें राष्ट्रीय खजाने से चुरा गया था। इसे देश का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार स्कैंडल बताया गया था। मालदीव के अखबार अवास ने कहा था कि यामीन ने अपने पद का दुरुपयोग किया था। यामीन के शासनकाल में मालदीव, चीन के करीब हो गया था। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक इस वजह से चीन को हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बढ़ाने में काफी मदद मिली थी। अब यह आशंका दूर हो गई है कि अब्दुल्ला यामीन सत्ता पर काबिज होने का प्रयास करेंगे।मालदीव में इंडिया आउट कैंपेनयामीन के समर्थकों ने मालदीव में ‘इंडिया आउट’ कैंपेन की शुरुआत की थी। यामीन के नेतृत्व में चीन ने रणनीतिक प्रभाव हासिल करने और हिंद महासागर पर नए व्यापारिक मार्ग बनाने में सफलता हासिल की थी। मालदीव को भी पाकिस्तान और श्रीलंका की तरह इनफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए अरबों डॉलर का कर्ज दिया गया। यामीन जिस समय के नेतृत्व में, मालदीव ने भी चीनी युआन का स्वागत किया। यामीन जिस समय राष्ट्रपति थे उस समय मालदीव और चीन ने एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के बाद अब किसी भी बाकी देश की तुलना में चीन से ज्यादा पर्यटक मालदीव आते हैं।