दोहाखाड़ी देश कतर ने भी अब तालिबान को अल्टीमेटम देते हुए अफगानिस्तान में तुरंत सीजफायर करने को कहा है। कतर की राजधानी दोहा में ही तालिबान का राजनीतिक मुख्यालय है। अमेरिका, रूस, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान समेत सभी देश दोहा में ही तालिबान के साथ शांति वार्ता कर रहे हैं। ऐसे में तालिबान के ऊपर कतर के प्रस्ताव को मानने का भारी दबाव है। तालिबान नेताओं से कतरी विदेश मंत्री ने की मुलाकातकतर ने शनिवार को कहा कि दोहा में विदेश मंत्री के साथ तालिबान के शीर्ष प्रतिनिधियों की बैठक के दौरान अफगानिस्तान में तुरंत संघर्षविराम करने को कहा गया। कतर ने तालिबान से अपने हमलों को तुरंत रोकने के लिए भी कहा है। कतरी विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा कि विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी ने तालिबान के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से मुलाकात की।तालिबान के आगे अफगान सेना ने टेके घुटने तो भड़की जनता, ‘सरकार ने हमें बेच दिया’सभी देश बोले- ताकत वाली सरकार मंजूर नहींइस बयान में बताया गया है कि कतरी विदेश मंत्री ने बैठक में तालिबान से तनाव को कम करने और संघर्ष विराम करने का आग्रह किया। इसी मुद्दे पर अमेरिका, चीन, पाकिस्तान, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और अन्य के दूतों ने गुरुवार को दोहा में तालिबान प्रतिनिधियों और अफगान सरकार के अधिकारियों से मुलाकात भी की थी। इस बैठक के बाद सभी देशों ने साझा बयान में कहा कि वे अफगानिस्तान में ताकत के दम पर बनी किसी भी सरकार को मान्यता नहीं देंगे।तालिबान ने मार गिराया ईरान का मिलिट्री ड्रोन? मलबे के साथ फोटो खिंचवाते दिखे आतंकीकौन है मुल्ला अब्दुल गनी बारदरतालिबान के सह-संस्थापकों में से एक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख है। इस समय वह तालिबान के शांति वार्ता दल का नेता है, जो कतर की राजधानी दोहा में एक राजनीतिक समझौते की कोशिश करने का दिखावा कर रहा है। मुल्ला उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक अब्दुल गनी बरादर को 2010 में दक्षिणी पाकिस्तानी शहर कराची में सुरक्षाबलों ने पकड़ लिया था, लेकिन बाद में तालिबान के साथ डील होने के बाद पाकिस्तानी सरकार ने 2018 में उसे रिहा कर दिया था।तालिबान से दोस्ती में चीन को क्या फायदा? आतंकियों की सरकार को मान्यता देने की तैयारीकाबुल के नजदीक पहुंचा तालिबानतालिबान ने शनिवार को दो और प्रांतों पर कब्जा कर लिया और अफगानिस्तान की राजधानी के बाहरी इलाके तक पहुंच गया है। वहीं उसने उत्तरी हिस्से के एक बड़े शहर पर चौतरफा हमला किया है जिसकी रक्षा पूर्व क्षत्रप कर रहे हैं। तालिबान ने उत्तर, पश्चिम और दक्षिण अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। इसके कारण यह आशंका बढ़ गई है कि तालिबान फिर से अफगानिस्तान पर कब्जा कर सकता है या देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है।चीन बदल रहा पाला, तालिबान राज को मान्‍यता देने को तैयार, अमेरिका को बड़ा झटकालोगार पर कब्जा, मजार-ए-शरीफ में भीषण लड़ाईलोगार से सांसद होमा अहमदी ने शनिवार को बताया कि तालिबान ने पूरे लोगार पर कब्जा कर लिया है और प्रांतीय अधिकारियों को हिरासत में ले लिया है। उन्होंने बताया कि तालिबान काबुल के दक्षिण में मात्र 11 किलोमीटर दूर चार असयाब जिले तक पहुंच गया है। उत्तरी बल्ख प्रांत में प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता मुनीर अहमद फरहाद ने बताया कि तालिबान ने शनिवार तड़के मजार-ए-शरीफ पर कई दिशाओं से हमला किया। इसके कारण इसके बाहरी इलाकों में भीषण लड़ाई शुरू हो गई। उन्होंने हताहतों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी।गनी बोले- 20 साल की उपलब्धियां जाया नहीं जाएंगीअफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा है कि वह 20 वर्षों की उपलब्धियों को बेकार नहीं जाने देंगे और कहा कि तालिबान के हमले के बीच ‘राय-मश्विरा’ जारी है। उन्होंने शनिवार को टेलीविजन के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया। हाल के दिनों में तालिबान द्वारा प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा जमाए जाने के बाद से यह उनकी पहली सार्वजनिक टिप्पणी है। अमेरिका 31 अगस्त तक देश से अपनी अंतिम सैन्य टुकड़ी को वापस बुलाने वाला है जिससे पश्चिमी देशों द्वारा समर्थित गनी की सरकार के अस्तित्व पर सवाल उठ रहे हैं।