लंदनजलवायु परिवर्तान पर ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के बयान को लेकर बवाल मचा हुआ है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन को लेकर वैश्विक कार्रवाई में हो रही ढिलाई पर नाराजगी जताई है। जिसके बाद ब्रिटिश सरकार ने सफाई पेश करते हुए कहा है कि यह निजी बातचीत थी, जिसका गलती से लाइव टेलिकॉस्ट हो गया। इस बातचीत में महारानी ने जलवायु परिवर्तन पर ब्रिटेन में आयोजित होने वाले कॉप-26 (COP-26) की बैठक को लेकर भी चिंता जताई।कॉर्डिफ पहुंची हुई हैं महारानी एलिजाबेथवेल्स की संसद ‘सेनेद’ के पहले दिन, गुरुवार को राजधानी कार्डिफ पहुंची ब्रिटेन की 95 वर्षीय महारानी जल्दी ही सीओपी26 सम्मेलन में दुनिया भर के नेताओं की मेजबानी करने वाली हैं। इसी कार्यक्रम के दौरान महारानी की अपनी बहू डचेज ऑफ कॉर्नवाल कैमिला और संसद के पीठासीन अधिकारी एलिन जोन्स से निजी बातचीत फिल्माई गई है।जलवायु परिवर्तन पर सिर्फ बात करते हैं नेताद डेली टेलीग्राफ के अनुसार, निजी बातचीत में महारानी ने कहा, ‘‘मैं सीओपी के बारे में सब कुछ सुन रही हूं लेकिन मुझे अभी तक नहीं पता कि कौन-कौन आ रहा है….। हमें सिर्फ उनके बारे में पता है जो नहीं आ रहे हैं… और यह वाकई चिढ़ने वाली बात है, जब वे सिर्फ बातें करते हैं, कोई काम नहीं करते।’’ जी7 के सभी सदस्य देशों के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन दुनिया के उन कुछ नेताओं में से हैं जिन्होंने सम्मेलन में शामिल होने की हामी भरी है।जॉनसन ने पीएम मोदी से की बातस्पेन में छुट्टियां मना रहे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सोमवार को वक्त निकालकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। दोनों के बीच सीओपी26 के दौरान भारत की भूमिका आदि को लेकर चर्चा हुई। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री आवास डाउनिंग स्ट्रीट से जारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री (जॉनसन) ने आगामी सीओपी26 से पहले और सम्मेलन के दौरान जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण और ठोस प्रगति करने की जरूरत पर बल दिया।अक्टूबर के अंत में होने वाला है सीओपी-26 सम्मेलनउन्होंने रेखांकित किया कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत पहले ही दुनिया का नेतृत्व कर रहा है, आशा जताई कि वे जलवायु परिवर्तन से निपटने और कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में और काम करेंगे। सीओपी 26 सम्मेलन का आयोजन स्कॉटलैंड के ग्लासगो में अक्टूबर के अंत में होने वाला है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग सहित विभिन्न राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों ने अभी तक सम्मेलन में भाग लेने के संबंध में कुछ स्पष्ट नहीं किया है।ब्रिटिश मंत्री बोले- महारानी की यह निजी टिप्पणीसरकार में परिवहन मंत्री ग्रांट शैप्स ने कहा कि महारानी की यह टिप्पणी प्रसारण के लिहाज से नहीं थी। उन्होंने ‘स्काई न्यूज’ से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि निजी भाव से की गई टिप्पणी निजी ही रहनी चाहिए। हम सभी बेहतर करने की इच्छा रखते हैं और हमें पता है कि सैकड़ों नेता सीओपी के लिए ग्लासगो आ रहे हैं।’’ब्रिटेन में महारानी को राजनीति से अगल समझा जाता हैब्रिटेन की संवैधानिक राजशाही में महारानी को राजनीति से अलग समझा जाता है और वह बिरले ही अपने विचार सार्वजनिक तौर पर रखती हैं। उनके पुत्र और उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स पर्यावरण के मुद्दे पर काफी मुखर हैं। चार्ल्स के बड़े बेटे प्रिंस विलियम ने भी इस मुद्दे पर अपने विचार रखे हैं और पर्यावरणीय नवोन्मेष के लिए रविवार को दिए जाने वाले ‘अर्थशॉट प्राइज’ का समर्थन किया है। बीबीसी पर गुरुवार को प्रसारित इंटरव्यू में विलियम ने अंतरिक्ष पर्यटन की आलोचना की और कहा कि दुनिया के बुद्धिमान लोगों को धरती पर ध्यान देना चाहिए।