अंकारातुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन ने हाल में ही हुए नाटो के ब्रसेल्स समिट के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की थी। इस बैठक के दौरान उन्होंने रूस से खरीदे गए एस-400 मिसाइल प्रणाली को लेकर तुर्की की मजबूरियों को बाइडन के सामने रखा। उन्होंने बाइडन से तुर्की के ऊपर लगे प्रतिबंधों को खत्म करने की गुहार भी की। इतना ही नहीं, एर्दोगन ने इशारों-इशारों में बाइडन को एफ-35 प्रोग्राम में तुर्की को फिर से शामिल करने की अपील भी की।एस-400 खरीद पर बाइडन को दी सफाईअजरबैजान की राजधानी बाकू पहुंचे एर्दोगन ने कहा कि उन्होंने बाइडन को स्पष्ट बता दिया है कि एस-400 को लेकर अंकारा की स्थिति अपरिवर्तनीय है। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने बाइडन से कहा है कि एफ-35 या एस -400 के संबंध में तुर्की से कोई नया कदम उठाने की उम्मीद न करें। क्योंकि हमने पहले ही एफ-35 पर अपना हिस्सा का काम पूरा कर दिया है। आपने हमें पैट्रियट नहीं दिया इसलिए खुद किया इंतजामतुर्की के राष्ट्रपति ने अपना दुखड़ा रोते हुए कहा कि हमने आपको पैट्रियट वायु रक्षा प्रणाली के लिए कहा था, लेकिन आपने हमें यह नहीं दिया। इसके ठीक उलट आपने उन पैट्रियट सिस्टम्स को भी हटा लिया जो हमारे सैन्य ठिकानों पर पहले से तैनात थे। हम क्या कर सकते थे? हमने इस मुद्दे को अपने दम पर हल किया। बता दें कि तुर्की और रूस ने 2017 के अंत में S-400 मोबाइल वायु और मिसाइल रक्षा बैटरी की चार यूनिट की डिलीवरी के लिए 2.5 बिलियन डॉलर का सौदा किया था।US Sanctions on India: S-400 डिफेंस सिस्टम खरीदने पर भारत के खिलाफ प्रतिबंध पर अमेरिका में ‘बवाल’, विपक्षी नेता बोले- यह रूस की जीत होगीएर्दोगन का दावा- तुर्की दौरा करना चाहते हैं बाइडनएर्दोगन यहीं नहीं रुके। उन्होंने दावा किया की जो बाइडन ने तुर्की की यात्रा करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो सेनाओं की वापसी के बाद से तुर्की वहां अधिक जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि तुर्की अमेरिका के साथ रक्षा उद्योग सहयोग के विषय पर अधिक विस्तार से चर्चा करने की योजना बना रहा है। उन्होंने संकेत दिया कि अमेरिका के साथ इस बातचीत में विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और रक्षा उद्योग के प्रमुख शामिल होंगे।S-400 Missile System India: भारत को नवंबर से शुरू होगी S-400 मिसाइल सिस्टम की डिलिवरी, अमेरिकी प्रतिबंधों का असर नहींकितनी खतरनाक है अमेरिका की पैट्रियट मिसाइलअमेरिका की पैट्रियट एडवांस्ड कैपेबिलिटी – 3 (PAC-3) मिसाइस दुनिया की सबसे बेहतरीन डिफेंस सिस्टम में से एक है। यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम दुश्मन की बैलेस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और लड़ाकू जहाजों को पल भर में मार गिराने में सक्षम है। सभी मौसम में दागे जाने वाली इस मिसाइल का निर्माण लॉकहीड मॉर्टिन ने किया है।S-400 खरीद पर अमेरिकी प्रतिबंधों से बिलबिलाया तुर्की, कहा- आइए मिल बैठकर बात करेंवर्तमान में इन देशों में तैनात है यह मिसाइलपैट्रियट एडवांस्ड कैपेबिलिटी – 3 मिसाइल इस समय पूरे अमेरिका, जर्मनी, ग्रीस, इजरायल, जापान, कुवैत, नीदरलैंड, सऊदी अरब, कोरिया, पोलैंड, स्वीडन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, रोमानिया, स्पेन और ताइवान की सेना में शामिल है। 2003 के इराक युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना ने पैट्रियट मिसाइल सिस्टम को तैनात किया। कुवैत में तैनात इस मिसाइल डिफेंस सिट्म ने दुश्मनों की कई मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया था।एस-400 डिफेंस सिस्टम को और घातक बना रहा रूसरूस ने अपने एस-400 और एस-300 मिसाइल सिस्टम को और घातक बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस सिस्टम में रूस नई तरह की कई मिसाइलों को शामिल करने जा रहा है जो दुश्मन के किसी भी मिसाइल को मार गिराने में सक्षम होंगी। रूस का यह हथियार अपनी कैटेगरी में दुनिया में सबसे बेहतरीन माना जाता है। रूसी समाचार एजेंसी स्पूतनिक की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी रक्षा मंत्रालय ने एस- 300 और एस- 400s के स्टॉक को लंबी दूरी की स्ट्राइक क्षमता को बढ़ाने और अत्यधिक सटीक शॉर्ट-रेंज डिफेंस प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रकार की मिसाइलों से लैस करने की योजना को मंजूरी दी है।