इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने बड़े अरमानों के साथ रूस के साथ तेल समझौता किया था। इमरान खान यूक्रेन युद्ध शुरू होने के ठीक बाद रूस के दौरे पर गए और बाद में उन्हें अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा। इसके बाद शहबाज सरकार ने किसी तरह से रूस से तेल का आयात शुरू किया। रूस का तेल पाकिस्तान पहुंच भी गया लेकिन अब यह कंगाल पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बन गया है। रूस के सस्ते तेल को रिफाइन करने के लिए उसे 4 से 5 अरब डॉलर खर्च करना होगा। वहीं अब खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान रूस से लंबे समय तक सस्ते दर पर तेल चाहता था और उसे पहुंचाने के लिए भी रूसी से आश्वासन वादा चाह रहा था लेकिन पुतिन इसके लिए तैयार नहीं हुए। शहबाज सरकार इस तेल डील के जरिए भारत के दोस्त रूस को अपने पाले में लाना चाहती थी।पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की सरकार ने रूस के साथ लंबे समय तक के लिए तेल डील की पहल शुरू नहीं की है। पाकिस्तान में इस साल ही चुनाव होने हैं और सरकार के पास बहुत ही कम समय बचा है। अखबार ने सूत्रों के हवाले से कहा कि कंगाली की हालत से गुजर रहा पाकिस्तान रूस से लंबे समय तक के लिए भारी डिस्काउंट के साथ ऑयल ट्रांसपोर्टेशन डील चाहता था। वहीं रूस पाकिस्तान के साथ लंबे समय तक के लिए सस्ती दर पर तेल समझौते को तैयार नहीं हुआ।भारत और पाकिस्तान की सेना में सबसे ताकतवर कौन, किसके पास कितने हथियार, नई रिपोर्ट में हुआ खुलासाभारत के दोस्त रूस को अपने पाले में लाना चाहता था पाकिस्तानएक सूत्र ने कहा, ‘दोनों पक्ष अपने- अपने रुख पर कायम रहे जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि लंबे समय के लिए कोई समझौता नहीं होने जा रहा है।’ दरअसल रूस से पाकिस्तान तक तेल पहुंचाने का खर्च काफी आ रहा है। शहबाज सरकार सस्ते तेल के साथ-साथ ट्रांसपोर्टेशन डील पर जोर दे रही थी। पाकिस्तान तब यह मांग कर रहा है जब भारत को अब केवल 4 डॉलर की छूट रूस प्रति बैरल तेल पर दे रहा है। रूस एक तरह से अब तेल पर छूट से पीछे हट रहा है, वहीं पाकिस्तान सरकार दोहरा फायदा उठाना चाहती थी। इसके लिए रूस तैयार नहीं हुआ।पाकिस्तान के रूसी तेल से भारत के बिचौलियों ने की लाखों डॉलर की कमाई!रूस ने भारत का उदाहरण देकर पाकिस्तान को साफ कह दिया कि तेल पर कोई स्थायी डिस्काउंट नहीं दिया जा सकता है। पाकिस्तान ने हाल ही में रूस से 1 लाख बैरल तेल खरीदा था। पाकिस्तान अभी 50 हजार टन तेल को ही रिफाइल कर सका है। पाकिस्तान इस रूसी तेल के जरिए यह देख रहा था कि उसे फायदा होता है या नहीं। इमरान खान ने दावा किया था कि वह भारत की तरह से रूस से तेल खरीदकर देश में तेल के दाम कम करवा देते। हालांकि अब जब तेल आ गया है तो ऐसा होता संभव नहीं दिख रहा है। रूसी से तेल में मात्र 32 फीसदी हाई स्पीड डीजल ही निकल रहा है जो पाकिस्तान के लिए बहुत घाटे का सौदा बन गया है। पाकिस्तान तेल खरीदकर भारत के दोस्त रूस को अपने पाले में लाना चाहता था लेकिन उसका यह ख्वाब सच होता नहीं दिख रहा है।