मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin on Ukraine Crisis) ने यूक्रेन को अल्टीमेटम दिया है। पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन को रूस की तीन शर्तों (Russia Ukraine News) को मान लेना चाहिए। इसी से दोनों देशों के बीच जारी तनाव को कम करने में मदद मिलेगी। उधर, रूस की संसद के ऊपरी सदन ने मंगलवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के (News About Vladimir Putin) अनुरोध के बाद देश की सेना को विदेश में तैनात करने की अनुमति दे दी है। सीनेट के प्रस्ताव से पता चलता है कि प्राधिकरण पुतिन को अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों और मानदंडों के अनुसार विदेशों में रूसी सेना का उपयोग करने का अधिकार देता है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि रूस जल्द ही यूक्रेन के स्वघोषित डोनेट्स्क (डीपीआर) और लुगांस्क (एलपीआर) पीपुल्स रिपब्लिक में अपनी सेना को तैनात कर सकता है।पुतिन बोले- हम नए इलाकों को हर संभव मदद देने को तैयाररूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अजरबैजानी राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के साथ बातचीत करने के बाद क्रेमलिन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि रूस ने डोनबास के गणराज्यों को संविधानिक सीमाओं के भीतर ही मान्यता दी है। उन्होंने यह भी बताया कि रूस आवश्यक होने पर सेना सहित इन अलग गणराज्यों के साथ नई संधि के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए तैयार है। पुतिन ने सफाई देते हुए कहा कि रूस ने कभी नहीं कहा कि हमारे सैनिक अभी डोनबास में जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने भविष्य में ऐसी संभावना से इनकार भी नहीं किया। पुतिन ने यूक्रेन से ये तीन मांगे कीक्रीमिया को रूस के रूप में पहचानें।यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं होना चाहिए, तटस्थता की घोषणा करें।यूक्रेन का सैन्यीकरण नहीं किया जाना चाहिए।यूक्रेनी इलाकों में रूसी सेना की तैनाती का रास्ता साफरूसी संघ परिषद की अध्यक्ष वेलेंटीना मतविनेको ने कहा कि वे लोगों के जीवन के लिए सामान्य परिस्थितियों का निर्माण करेंगे और सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। सोमवार को डीपीआर और एलपीआर को मान्यता देने की घोषणा के तुरंत बाद, पुतिन ने प्रत्येक गणराज्य के साथ द्विपक्षीय मित्रता और सहयोग संधियों पर हस्ताक्षर किए। रूसी संसद के दोनों सदनों के साथ-साथ डीपीआर और एलपीआर में विधायिका में मंगलवार को संधियों पर सहमति जताई गई। जिसके बाद पुतिन ने आरोप लगाया कि यूक्रेनी अधिकारी बातचीत के बजाय ताकत के दम पर वर्षों से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।पुतिन का आरोप- यूक्रेन को शांतिपूर्ण समाधान में कोई दिलचस्पी नहींपुतिन ने आरोप लगाया कि यूक्रेन को शांतिपूर्ण समाधान में कोई दिलचस्पी नहीं है। हर दिन वे डोनबास में सेना जमा कर रहे हैं। दोनों देश एक दूसरे के ऊपर हमला करने और हिंसा फैलाने का आरोप लगा रहे हैं। डोनेट्स्क (डीपीआर) और लुगांस्क (एलपीआर) की सरकारों ने यूक्रेनी सेना के ऊपर उनके इलाकों के अंदर हमला करने का आरोप लगाया है।