मॉस्कोअमेरिका से जारी तनाव के बीच रूस ने भी अपनी रक्षात्मक तैयारियों को काफी तेज कर दिया है। अमेरिका और रूस के बीच काला सागर, बाल्टिक सागर, प्रशांत महासागर और अंटार्कटिक में काफी तनातनी देखी जा रही है। इस दौरान रूस ने पहली बार अपने एस-70 अनमैंड कॉम्बेट एरियल व्हीकल को दुनिया के सामने पेश किया है। अबतक इसकी तस्वीरें ही दिखाई जाती थीं, जिससे इस घातक स्टील्थ हमलावर ड्रोन के बारे में दुनिया को ज्यादा जानकारी नहीं थी। अब रूसी रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक टेलीविजन स्टेशन, टीवी ज़्वेज़्दा (TV Zvezda) ने सुखोई एस -70 ओखोटनिक अनमैंड कॉम्बेट एरियल व्हीकल की डिटेल वीडियो जारी की है।हथियार छिपाने के लिए बना है इंटरनल बेइस वीडियो में एस-17 ड्रोन की कई खासियतों को भी बताया और दिखाया गया है। वीडियो में इस ड्रोन में एक इंटरनल पेलोड बे भी नजर आ रहा है। इसका इस्तेमाल कई तरह के घातक हथियारों को ड्रोन के अंदर छिपाने के लिए किया जाता है। इंटरनल बे में हथियारों को रखने से दुश्मन के रडार विमान की पहचान नहीं कर पाते हैं और इससे स्टील्थ कैपिसिटी में भी इजाफा होता है। इस ड्रोन ने पहली बार 2019 में उड़ान भरी थी। तब से इस विमान की डिजाइन और डेवलपमेंट के साथ-साथ इसकी इमेजरी के बारे में सीमित विवरण ही जारी किए गए हैं।अभी तक केवल एक यूनिट का ही हुआ निर्माणरिपोर्ट में बताया गया है कि अभी तक एस-70 ड्रोन के केवल एक यूनिट का ही निर्माण किया गया है। इस ड्रोन का बॉर्ट नंबर रेड 071 है। बार्ट नंबर सैन्य विमानों के फ्रेम के ऊपर लिखा रहता है। इससे विमान की पहचान भी की जाती है। रूस कम से कम ऐसे तीन नए ड्रोन का निर्माण भी कर रहा है। सुखोई के अधिकारियों ने टीवी ज़्वेज़्दा के कैमरामैन को अपने विमान निर्माण फैसिलिटी को भी दिखाया।एसयू-57 से छोटा है एस-70 ड्रोनTV Zvezda के रिपोर्टर ने बताया कि एस-70यूसीएवी सुखोई के Su-57 फेलन एडवांस्ड कॉम्बैट जेट से छोटा है। हालांकि, एक क्लिप में वह इस यूसीएवी के डैनों पर चलता भी नजर आ रहा है। इस ड्रोन में कई तरह के सेंसर भी लगे हुए हैं। अगर कोई देश इन सेंसरों तक आने वाली रेडार फिक्वेंसी को जाम भी कर देता है, तब भी यह ड्रोन अपनेआप उड़ान भरने वाली जगह पर वापस आ सकता है। इस ड्रोन के इंजन से निकलने वाली गर्मी को कम करने के लिए एक्जॉस्ट को अलग तरीके से डिजाइन किया गया है।गुप्त अभियानों को पूरा करने के लिए किया गया डिजाइनएस-70 ड्रोन में सुखोई ने एक नया एग्जॉस्ट भी लगाया है। इसका इस्तेमाल पहले से अधिक ताकतवर ऑफ्टरबर्नर के लिए किया जा सकता है। हालांकि, सुखोई के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने इस विमान को अपने गुप्त अभियानों को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए डिजाइन किया है। उन्हें इसकी स्पीड बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है। ऑफ्टरबर्नर का इस्तेमाल लड़ाकू विमान अधिक स्पीड पाने के लिए करते हैं। इसका इस्तेमाल करते ही विमान के एग्जॉस्ट से आग की एक लंबी लपट देखने को मिलती है।