SCO Summit India Russia Vs China BRI: China Expert On SCO Summit Iran Welcome Need To Save From India Furious On Russia

बीजिंग: भारत में पिछले दिनों हुई शंघाई सहयोग संगठन की शिखर बैठक के बाद चीनी विशेषज्ञ बौखलाए हुए हैं। दरअसल, चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के सामने ही भारत ने साफ कर दिया कि वह ड्रैगन के बेल्‍ट एंड रोड प्रॉजेक्‍ट का समर्थन नहीं करता है। बीआरआई चीन के राष्‍ट्रपति का ड्रीम प्रॉजेक्‍ट है जिसे उन्‍होंने दुनियाभर में चीन के प्रभाव को बढ़ाने के लिए लॉन्‍च किया है। भारत के इस झटके से चीनी विशेषज्ञ अब सदमे हैं और वे जहरीले बयान दे रहे हैं। वे ईरान का स्‍वागत कर रहे हैं लेकिन भारत से एससीओ को बचाने की बात कर रहे हैं। वे रूस को भी भारत को शामिल कराने पर कोस रहे हैं।इंडियन एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की चीन के अत्‍यधिक प्रभाव वाले एससीओ में भूमिका को लेकर चीनी विशेषज्ञों में बहस छिड़ी हुई है। भारत साल 2005 में एससीओ का पर्यवेक्षक देश बना था। साल 2017 में भारत को रूस के सहयोग से एससीओ के पूर्ण सदस्‍य देश का दर्जा मिल गया। चीन की सरकार ने जहां भारत को एससीओ का सदस्‍य बनने दिया, वहीं चीन के रणनीतिक मामलों से जुड़े विशेषज्ञों ने भारत को शामिल किए जाने का विरोध किया और उसकी तुलना नाटो में सदस्‍य देश तुर्की से कर डाली।चीन की सेना असली युद्ध के लिए तैयार रहे… राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भरी हुंकार, जानें निशाने पर कौन?भारत को ‘समस्‍या पैदा करने वाला’ देश करार दियाअब चीन के विदेशी मामलों के विशेषज्ञों ने ईरान के सदस्‍य बनाए जाने का स्‍वागत किया है और कहा कि ‘तेहरान अब भारत को एससीओ को पूरी तरह से बर्बाद करने से रोकेगा।’ शूशेंग नामक चीन के चर्चित ब्‍लॉग में ‘आरोप’ लगाया गया है कि भारत मेजबान देश होने के नाते एससीओ के अंदर असंगति पैदा कर रहा है। उसने कहा कि भारत एससीओ का एकमात्र देश है जो खुलकर बीआरआई का विरोध कर रहा है और एससीओ विकास बैंक बनाने का इच्‍छुक नहीं है। चीन के शंघाई शहर के एक चर्चित विशेषज्ञ पान गुआंग ने तो भारत को तो ‘समस्‍या पैदा करने वाला’ करार दे दिया।चीन को मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार हो रहा ताइवान, बरस रहीं मिसाइलेंपान गुआंग ने कहा कि मैंने और कई और पूर्व राजदूतों तथा विशेषज्ञों ने भारत को एससीओ में शामिल किए जाने का विरोध किया था। लेकिन बीजिंग में मौजूद सरकार ने भारत को एससीओ का सदस्‍य बनने दिया। पान शंघाई में प्रफेसर हैं और उन्‍होंने साल 2005 में चीन के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति हू जिंताओ से भारत को शामिल किए जाने का विरोध किया था। उन्‍होंने दावा किया था कि भारत एससीओ का इस्‍तेमाल चीन को ‘चुनौती’ देने के लिए करेगा। वहीं हू ने कहा था कि हम भारत के साथ एससीओ के जरिए रिश्‍तों को सुधार सकते हैं।US China Trade War: दुनिया की ‘लाइफ लाइन’ पर चीन का कब्जा, एक बैन से अमेरिका को दिखाया ट्रेलर, पिक्चर अभी बाकी हैचीनी विशेषज्ञों ने भारत पर रूस को जमकर कोसाचीन के कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि रूस के कहने पर चीन ने भारत को एससीओ का सदस्‍य देश बनने दिया। चीन पाकिस्‍तान को एससीओ में शामिल करने पर जोर दे रहा था लेकिन रूस ने भारत को शामिल कराया ताकि इस चीन-पाक गठजोड़ को संतुलित किया जा सके। रूस ने कहा क‍ि अमेरिका के खिलाफ एकजुटता की जरूरत है और चीन ने इस तर्क को मान लिया था। चीनी विशेषज्ञों ने कहा कि रूस ने चाल चली थी कि भारत को एक तरफ खुश रखा जा सके ताकि वह रूसी हथियार खरीदता रहे, वहीं दूसरी ओर चीन पर दबाव बनाए रखा जा सके। इससे चीन रूस और भारत के बीच में फंसा रहेगा।