Secret Of Area 51 In US Alien And Space Ship Secret CIA Research USSR- अमेरिका एरिया 51 क्या है एरिया 51 का रहस्य क्या है क्या यहां अमेरिका ने एलियन छिपा रखे हैं

​अमेरिका ने किए थे परमाणु परीक्षणआधिकारिक तौर पर अमेरिकी सरकार ने कभी भी एरिया-51 के अस्तित्व को स्वीकार नहीं किया। कई वर्षों तक यह क्लासीफाइड रहा। जैकबसेन ने अपनी किताब में लिखा है कि इस इलाके की गोपनीयता एलियन के कारण नहीं बल्कि गुप्त परमाणु परीक्षण और हथियारों के विकास में इसकी भागीदारी से थी। उनका कहना है कि परमाणु ऊर्जा आयोग, रक्षा विभाग और सीआईए सहित विभिन्न एजेंसियों ने विमान और पायलट से जुड़ी परियोजनाओं पर सीक्रेट तरीके से रिसर्च किया। उनमें से एक ऑफरेशन पल्मबॉब था।​ऑपरेशन प्लंबबॉबकिताब में लिखा गया है कि 1957 की गर्मियों और शरद ऋतु के दौरान सेना की तैयारी, आकस्मिक परमाणु विस्फोट और जीवन पर न्यूक्लियर फॉलआउट का प्रभाव जानने के लिए ऑपरेशन प्लंबॉब चलाया गया। इसके तहत 29 वायुमंडलीय परमाणु विस्फोट किए गए। इस प्रयोग के कारण 1980 के दशक तक जमीन का कुछ हिस्सा रेडियोएक्टिव पदार्थों से दूषित हो गया। इसके अलावा उन्होंने बताया कि अमेरिका USSR के खिलाफ एक न्यूक्लियर शक्ति वाला अंतरिक्ष मिसाइल बनाने की कोशिश कर रहा था, जो पूरा नहीं हो सका।​सीआईए ने किया विमान का टेस्टएनी जैकबसन ने अपनी कितान में लिखा है कि कई बार एरिया 51 को आसमान से निगरानी करने वाले विमानों के टेस्टिंग ग्राउंड के तौर पर भी इस्तेमाल किया गया। इसमें एक प्लेन ओक्सकार्ट था, जिसे सीआईए ने डिजाइन किया था। यह आवाज से तीन गुना स्पीड पर उड़ान भर सकता था। सोवियत यूनियन और क्यूबा पर 90,000 फीट से निगरानी रखने के लिए इसे बनाया गया था। ओक्सकार्ट को 1962 से 1968 तक इस्तेमाल किया गया।​एरिया 51 क्यों पड़ा नामएरिया 51 से जुड़ा सबसे बड़ा दावा एक विमान क्रैश है। किताब में उन्होंने लिखा कि एक सूत्र ने दावा किया कि न्यू मैक्सिको में एक फ्लाइंग डिस्क क्रैश हुआ था। इस फ्लाइंग डिस्क को राइट-पैटरसन वायु सेना बेस ले जाया गया। बाद में उस मलबे को 1951 में यहां लाया गया, जिसके कारण इस जगह को एरिया 51 नाम दिया गया। इसके अलावा जैकबसन ने कहा कि मेरा एक सूत्र जिसने 18 महीनों तक इस प्रोजेक्ट पर काम किया उसके मुताबिक इस उड़न तश्तरी में बच्चों के बराबर पायलट थे।