इस्‍लामाबादभारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रशासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर पर 24 जून को एक सर्वदलीय बैठक करने जा रहे हैं। जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को खत्‍म किए जाने के दो साल बाद यह अहम बैठक होने जा रही है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद राज्‍य में चुनाव कराए जाने का रास्‍ता साफ हो सकता है। उधर, इस बैठक की घोषणा के बाद पाकिस्‍तान घबरा गया है और उसने भारत को चेतावनी दी है। पाकिस्‍तान ने कहा कि वह कश्‍मीर में भारत के जनसंख्‍या को बदलने या कश्‍मीर को बांटने के किसी भी प्रयास का विरोध करेगा। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बयान जारी करके कहा कि भारत को 5 अगस्‍त 2019 के कदमों के बाद अब कश्‍मीर में ‘और ज्‍यादा अवैध कदमों’ से परहेज करना चाहिए। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्‍तान भारत के 5 अगस्‍त के कदमों का पुरजोर विरोध करता है। ‘भारत के जम्‍मू-कश्‍मीर को बांटने को सहन नहीं करेंगे’पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री ने कहा कि कश्‍मीर मुद्दे को उन्‍होंने कई अंतरराष्‍ट्रीय सम्‍मेलनों में उठाया है। इसमें संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद भी शामिल है। कुरैशी ने कहा कि दक्षिण एशिया में वास्‍तविक शांति तभी आ सकती है जब कश्‍मीर के मुद्दे का समाधान संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के प्रावधानों और कश्‍मीरी लोगों की इच्‍छा के मुताबिक किया जाए। पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री ने कहा कि उनका भारत के जम्‍मू-कश्‍मीर को बांटने या वहां किसी भी जनसांख्यिकीय बदलाव को सहन नहीं करेगा। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान भारत सरकार के जम्‍मू-कश्‍मीर में राजनीतिक महत्‍वाकांक्षाओं का विरोध करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत के कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को खत्‍म करने के बाद से ही दोनों ही देशों के बीच संबंध रसातल में चले गए हैं। पाकिस्‍तान भारत से बातचीत के लिए अनुच्‍छेद 370 को फिर से बहाल करने की मांग कर रहा है। हालांकि ऐसा होता नहीं दिख रहा है। जम्मू-कश्मीर के वास्ते भविष्य के कदम पर चर्चा होने की उम्मीद बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में जम्मू-कश्मीर के 8 राजनीतिक दलों के 14 नेताओं को आमंत्रित किया गया है। पीएम मोदी की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने किनारा कर सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से खबर है कि महबूबा इस बैठक में शामिल नहीं होंगी। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के वास्ते भविष्य के कदम पर चर्चा होने की उम्मीद है।