Shehbaz Sharif On Pakistan Army,जनरल मुनीर के बिना नहीं चला सकता था सरकार… शहबाज शरीफ ने कबूला सच, किस ओर बढ़ा पाकिस्‍तान? – pakistan news in hindi shehbaz sharif says could not run government without pakistani military support

इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान के निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आखिरकार मान लिया है कि वह सेना के समर्थन के बिना सरकार नहीं चला सकते थे। इमरान खान की तरह से ही शहबाज शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार सेना के समर्थन के बिना नहीं चल सकती थी। जियो टीवी को दिए एक इंटरव्‍यू में सेना के इशारे पर काम करने वाले शहबाज शरीफ ने पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख इस दखल की तारीफ भी कर डाली। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान आज दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित हाइब्रिड सरकारों में से एक है।शहबाह ने यह भी कहा कि इमरान खान अपनी सरकार को चलाने के लिए पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर बहुत ज्‍यादा ही निर्भर थे। शहबाज ने कहा, ‘इमरान खान को भी अपने कार्यकाल में सेना का समर्थन मिला था।’ उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान में हर सरकार को प्रमुख सेक्‍टरों जैसे सेना की जरूरत होती है। शहबाज शरीफ के इस कबूलनामे पर उनका जमकर मजाक उड़ रहा है। इस बीच शहबाज शरीफ और विपक्ष के नेता इस साल के अंत में आम चुनाव कराए जाने को लेकर कार्यवाहक प्रधानमंत्री को नामित करने के मुद्दे पर शुक्रवार को फिर से बातचीत करेंगे।पाकिस्‍तान के कार्यवाहक पीएम पर फंसा पेचनेशनल असेंबली (एनए) को भंग किए जाने के एक दिन बाद शहबाज शरीफ ने बृहस्पतिवार को प्रतिष्ठित पद पर संभावित उम्मीदवारों की सूची का आदान-प्रदान करने के लिए विपक्षी नेता राजा रियाज से मुलाकात की थी। एक बयान में कहा गया कि बैठक प्रधानमंत्री आवास पर हुई। ‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार, इसके बाद संसद भवन में रियाज ने मीडियाकर्मियों से बातचीत की, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए नाम तय करने की कोई जल्दी नहीं है। अखबार ने कहा कि यह भी माना जा रहा है कि निवर्तमान प्रधानमंत्री 12 अगस्त को कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा करेंगे, लेकिन शपथ ग्रहण समारोह 14 अगस्त की शाम या उसके अगले दिन होगा।राजनीतिक हलकों में कुछ लोगों का मानना है कि शहबाज शरीफ 14 अगस्त तक पद पर बने रहना चाहते हैं ताकि वह स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण समारोह में शामिल हो सकें, जिसके बाद एक कार्यवाहक प्रधानमंत्री शपथ लेंगे। संविधान के अनुसार, अंतरिम व्यवस्था के प्रमुख की नियुक्ति तक शहबाज शरीफ कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर सकते हैं। अंतरिम व्यवस्था के प्रमुख का नाम तय करने में देरी का एक कारण शहबाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की अपने व्यक्ति को कार्यालय में देखने की इच्छा माना जाता है।सादिक संजरानी सबसे मजबूत दावेदारों में से एकसूत्रों ने कहा कि पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता आसिफ अली जरदारी ‘तीसरे पक्ष’ के परामर्श से कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के मुद्दे पर फैसला कर रहे हैं। दोनों पक्षों ने अपने प्रत्याशियों के नाम उजागर नहीं किए हैं, हालांकि सीनेट अध्यक्ष सादिक संजरानी इस पद के लिए ‘सबसे मजबूत दावेदारों में से एक’ के रूप में उभरे हैं। उन्होंने शहबाज शरीफ और पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। पीएमएल-एन के एक वरिष्ठ नेता ने ‘डॉन’ को बताया कि संजरानी ‘सबसे मजबूत उम्मीदवारों में से एक’ हैं।पीएमएल एन के नेता ने कहा, ‘सीनेट के अध्यक्ष छुपा रुस्तम हो सकते हैं।’ अन्य संभावित दावेदारों में पूर्व राजनयिक जिलाल अब्बास जिलानी, पूर्व वित्त मंत्री हफीज शेख और इशाक डार, पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी, पूर्व प्रमुख सचिव फवाद हसन फवाद और पूर्व न्यायाधीश तसद्दुक जिलान शामिल हैं। रियाज़ ने कहा कि किसी भी ‘आयातित’ व्यक्ति को अंतरिम व्यवस्था का प्रमुख नहीं बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम समय से पहले कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम का खुलासा नहीं करेंगे।’ प्रधानमंत्री कार्यालय के एक सूत्र ने ‘डॉन’ अखबार को बताया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और रियाज के पास कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम तय करने के लिए दो दिन का समय और है।पाकिस्‍तान में अब कब होंगे आम चुनाव?एक सूत्र ने कहा कि इसकी घोषणा शनिवार (12 अगस्त) तक की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘वे तीन दिन के समय से आगे नहीं जा सकते, अन्यथा मामला स्वत: संसदीय समिति के पास चला जाएगा।’ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अनिवार्य कार्यकाल से तीन दिन पहले नौ अगस्त को नेशनल असेंबली को भंग कर दिया, इसलिए संविधान के अनुसार अगला आम चुनाव 90 दिनों में होगा। शहबाज शरीफ़ और रियाज के पास कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम पर सहमति बनाने के लिए तीन दिन का समय है, अन्यथा भंग हो चुकी संसद के अध्यक्ष एक राय बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति नियुक्त करेंगे, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के चार-चार सांसद शामिल होंगे।दोनों पक्ष प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता, शीर्ष पद के लिए अधिकतम दो नाम आगे बढ़ा सकते हैं। समिति के पास सहमति बनाने के लिए तीन दिन का समय होता है और विफल रहने पर इसकी बैठकों के दौरान विचार किए गए सभी नामों को पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) को भेजा जाता है जो 48 घंटों के भीतर उनमें से एक को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त करेगा। चुनाव में कुछ महीनों की देरी होने की उम्मीद है क्योंकि नए जनगणना परिणामों को मंजूरी दे दी गई है, जिससे चुनाव से पहले परिसीमन करना एक संवैधानिक दायित्व बन गया है। ईसीपी 120 दिनों के भीतर परिसीमन करने और फिर चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए बाध्य है।